November 22, 2024

Mahakal Mandir : CM के बेटे ने तोड़े महाकाल मंदिर के नियम, पत्नी और दो अन्य लोगों के साथ किए गर्भगृह से दर्शन, अब होगा एक्शन

उज्जैन। मध्यप्रदेश के उज्जैन का महाकाल मंदिर भारत में बारह प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंगों में से एक हैं. यहां भगवान महाकालेश्वर विराजमान हैं. महाकालेश्वर की मूर्ति दक्षिणमुखी होने के कारण दक्षिणामूर्ति मानी जाती है. हर दिन हजारों भक्त और श्रद्धालु भगवान महाकाल के दर्शन पाने के लिए उज्जैन आते हैं. महाकाल को उज्जैन का विशिष्ट पीठासीन देवता माना जाता है. कहा जाता है कि उज्जैन में महाकाल की भस्म आरती और दर्शन से सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है. बाबा महाकाल सबके बिगड़े काम बना देते हैं, ऐसे में भगवान महाकाल की पूजा के लिए देश-दुनिया से वीआईपी और वीवीआईपी आते हैं. कई बार ये ‘खास माननीय’ नियम तोड़ हैं. हालिया मामला महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बेटे और सांसद श्रीकांत शिंदे का सामने आया है. उन्होंने गर्भगृह में प्रवेश करके महाकाल पूजा की है. उनके साथ उनकी पत्नी और दो अन्य लोग भी साथ गए थे और गर्भगृह में चारों ने 6 मिनट तक रुके. वहीं अब प्रशासन ने कहा है कि इस मामले में कारवाई करेंगे.

वीडियो आया सामने
महाराष्ट्र से उज्जैन महाकाल दर्शन के लिए पधारे इन वीवीआईपी (VVIP) श्रद्धालुओं के मंदिर गर्भगृह में प्रवेश के फोटो और वीडियो सामने आ चुके हैं. प्राप्त जानकारी के अनुसार ये सभी ( सांसद श्रीकांत शिंदे, उनकी पत्नी और दो अन्य लोग) शाम 5 बजकर 38 मिनट में गर्भगृह में प्रवेश करते दिखाई दिए. ये चारों भगवान महाकाल के शृंगार के दौरान शिवलिंग के पास बैठकर पूजा की है. इस मामले में कांग्रेस विधायक ने भी अपत्ति जताई है.

महाकाल प्रबंधन समिति का कहना है कि हमने किसी को भी गर्भगृह में जाने की अनुमति नहीं दी है. जो भी इस मामले में दोषी होगा, उस पर कार्रवाई की जाएगी.


क्या हैं नियम?
महाकान मंदिर के गर्भगृह में किसी भी श्रद्धालु के प्रवेश पर बीते एक साल से रोक लगी हुई है. सिर्फ पुजारियों को ही प्रवेश करने की इजाजत है. जबकि भक्त और श्रद्धालु महाकालेश्वर शिवलिंग से 50 फीट की दूरी से दर्शन कर सकते हैं. बताया जा रहा है कि 4 महीने में यह चौथी बार है, जब किसी VIP ने मंदिर के नियम तोड़े हैं. समिति ने गर्भगृह में प्रवेश पर इसलिए रोक लगा रखी है क्योंकि इतनी बड़ी संख्या में भक्तों को गर्भगृह में प्रवेश देना नामुमकिन है. वहीं शिवलिंग क्षरण को लेकर भी सतर्कता बरती जा रही है.

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