MP : निजी चिकित्सा संस्थानों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई, सीएमएचओ ने 31 नर्सिंग होम का पंजीयन किया रद्द
ग्वालियर। मध्यप्रदेश के ग्वालियर में निजी चिकित्सा संस्थानों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई हुई है. यहां सीएमएचओ ने 31 नर्सिंग होम का पंजीयन रद्द कर दिया. ये कार्रवाई फर्जी और बगैर इजाजत के चलने वाले निजी हॉस्पीटल और नर्सिंग होम्स के खिलाफ स्वास्थ्य विभाग ने की है. अब इन हॉस्पीटल और नर्सिंग होम्स का संचालन बंद कराया जाएगा.
जांच के बाद हॉस्पीटल और नर्सिंग होम्स के खिलाफ हुई कार्रवाई
ग्वालियर शहर में कुकुरमुत्तों की तरह निजी अस्पताल खुलते जा रहे हैं. इनमें इलाज कराने के दौरान कुछ ही महीनों में अनेक मरीजो की मौत हो चुकी है, जिसके बाद विवाद भी हुए. इसके बाद सीएमएचओ ने शहर के सभी हॉस्पीटल और नर्सिंग होम की जांच कराने का निर्णय लिया था, जिसकी रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई शुरू की गई.
जांच के दौरान 24 अस्पतालों में खामियां और अनियमितताएं मिली
सीएमएचओ डॉ आरके राजौरिया ने बताया कि जांच रिपोर्ट के आधार पर पाया गया कि पांच अस्पताल बगैर पंजीयन नवीनीकरण के ही चल रहे हैं, जबकि 24 ऐसे पाए गए जिनमें काफी खामियां और अनियमितताएं मिली. जबकि दो नर्सिंग होम संचालकों ने स्वयं ही आवेदन दिया था कि वो अब अस्पताल नहीं चलाना चाहते हैं. इस तरह 31 अस्पताल और नर्सिंग होम के पंजीयन तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिए है हैं.
स्वास्थ्य विभाग ने इन 24 अस्पतालों की पंजीयन की निरस्त
- एलिस मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल और ट्रॉमा सेंटर
- एएस मल्टीस्पेशलिटी क्लिनिक और अस्पताल
- आशी चिल्ड्रेन अस्पताल
- बिबेकर अस्पताल ग्वालियर
- चिराग अस्पताल
- द्रश्य सुपरस्पेशलिटी अस्पताल
- हरे का सहारा मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल
- जय बालाजी अस्पताल
- जय भारत अस्पताल
- जय ग्लोबल अस्पताल
- जीवन आशा अस्पताल
- महामृत्युंजय मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल
- मदर टेरेसा अस्पताल और अनुसंधान केंद्र
- न्यू सुंदरम अस्पताल
- परिधि अस्पताल और केयर
- पीपुल्स चैरिटेबल अस्पताल
- आरएचएफपीसी प्रजनन यौन स्वास्थ्य एनएडी बाल स्वास्थ्य देखभाल केंद्र
- रियान एस मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल
- सहारा अस्पताल ए यूनिट क्रियंजीव अस्पताल सेवा प्राइवेट लिमिटेड
- संतरो मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल
- शांति नेत्रालय
- श्री राम सिंह धाकरे मेमोरियल मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल
- श्री शिवाय अस्पताल
- एसएमजीएस मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल
सीएमएचओ डॉ राजौरिया ने बताया कि अब यह अस्पताल अपने यहां चिकित्सा सुविधायें उपलब्ध नहीं करा सकेंगे, क्योंकि इनका संचालन ही अवैद्य घोषित हो चुका है.