मिट्ठू मियां टल्ली हो रहे! अफीम के खेतों में तोतों का हमला, किसान बोले- नशे की लत लग गई इनको
भोपाल। मध्य प्रदेश के किसान इन दिनों एक अलग तरह की मुश्किल में हैं. खेत में अफीम की फसल खड़ी है, वहीं इस फसल पर तोते रोज लूट मार मचा रहे हैं. आल यह है कि तोतों को झुंड टिड्डियों की तरह आता है और कुछ ही देर में पूरी फसल चटकर उड़ जाता है. किसानों ने इस संबंध में पुलिस और प्रशासन को भी शिकायत दी है, लेकिन पुलिस को समझ नहीं आ रहा है कि पंख वाले इन बदमाशों से कैसे निपटे.
कई साल से लगातार बन रहे ऐसे हालात को देखते हुए तमाम किसानों ने अफीम की खेती छोड़ने का मन बना लिया है. किसानों के मुताबिक इन दिनों में आसमान में जहां तहां तोतों के झुंड खूब देखे जा रहे हैं. ये झुंड कभी भी और कहीं भी नीचे उतर सकते हैं और जहां भी यह झुंड नीचे आएगा, वहां की फसल को भारी नुकसान पहुंचाएगा. अफीम के नशे के आदी हो चुके इन तोतों को रोकने का कोई उपाय नहीं है. फिलहाल किसानों ने अपनी फसल के ऊपर प्लास्टिक की रस्सियों का जाल फैलाया है. इससे कुछ हद तक फसल का बचाव हो पा रहा है.
किसानों के मुताबिक मध्य प्रदेश के मंदसौर, नीमच, रतलाम आदि जिलों में बड़े पैमाने पर अफीम की खेती होती है. इसके लिए नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो विधिवत लाइसेंस देता है. लंबी औपचारिकता के बाद किसान फसल लगाते हैं और जैसे ही फसल तैयार होती है, आसमानी आफत के रूप में तोतों का हमला शुरू हो जाता है.
किसानों के मुताबिक अफीम की बुवाई जनवरी महीने में शुरू होती है. मार्च तक छोटे छोटे पौधे उग आते हैं. आम तौर पर इन छोटे पौधों को खाने के रूप में इस्तेमाल होता है, वहीं बड़े होने पर इनके बीच से दवाई और नशीले पदार्थ तैयार किए जाते हैं. खुद केंद्र सरकार किसानों से फसल की सीधी खरीद करती है. लेकिन इन पौधों में बीज बनने से पहले ही तोते इन पौधों को चट कर जा रहे हैं.हालात को देखते हुए किसानों ने अब पूरी फसल के ऊपर प्लास्टिक का जाल बिछाना शुरू कर दिया है. इससे नुकसान में थोड़ी कमी तो आई है, लेकिन अभी भी खतरा बदस्तूर बना हुआ है.