April 20, 2024

बैकफुट पर आई मोदी सरकार : कृषि कानून पर रोक को तैयार!

नई दिल्ली। किसान आंदोलन पर सूत्रों के हवाले से बड़ी खबर मिल रही हैं। सरकार ने किसानों को कानून को होल्ड करने का प्रस्ताव दिया हैं।  1-2 साल तक कानून पर रोक लगाने का प्रस्ताव हैं। इसको लेकर किसान नेता अलग से आपस में बैठक कर रहे हैं।  बता दें कि बुधवार को दिल्ली के विज्ञान भवन में किसान संगठन और सरकार के बीच 10वें दौर की बातचीत हुई।  एक बार फिर से बातचीत बेनतीजा रही।  कृषि कानूनों को लेकर सरकार और किसान संगठन के बीच फिर बात नहीं बनी है।  सूत्रों की मानें तो 22 जनवरी को फिर से सरकार और किसानों के बीच बैठक होगी. हालांकि किसान 56 दिन से कृषि कानून पर धरने पर डटे हुए हैं. किसान संगठनों के नेता अब भी तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग पर अड़े हुए हैं.  

किसान संगठन और केंद्र सरकार के बीच 10वें दौर की बातचीत खत्म हो गई है। सरकार ने आज किसान संगठनों को कृषि सुधार कानूनों को एक निर्धारित समय सीमा तक स्थगित रखने का प्रस्ताव दिया और इस दौरान एक समिति के माध्यम से समस्याओं के समाधान पर जोर दिया।

किसान संगठनों और सरकार के बीच कृषि सुधार कानूनों को रद्द करने तथा न्यूनतम समर्थन मूल्य काे कानूनी दर्जा देने की मांग को लेकर बुधवार को हुई यहां बैठक में कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने इन कानूनों को एक निश्चित समय सीमा तक स्थगित करने तथा इस दौरान एक समिति के माध्यम से समस्याओं का समाधान करने का प्रस्ताव दिया।

लगभग साढ़े पांच घंटे तक चली इस बैठक में खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री पीयूष गोयल भी उपस्थित थे। किसान नेताओं के अनुसार श्री तोमर ने कहा कि कृषि सुधार कानूनों को निर्धारित समय सीमा तक स्थगित रखने पर दोनों पक्षों के बीच यदि सहमति बनती है तो सरकार उच्चतम न्यायालय में इस संबंध में एक हलफनामा दायर कर सकती है।

दसवें दौर की इस बैठक के किसान नेताओं ने कहा कि वे कृषि सुधार कानूनों को रद्द करने की मांग पर अडिग हैं। सरकार और किसान संगठनों के बीच अगली बैठक 22 जनवरी को होगी।

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