April 6, 2025

‘गोहत्या के एजेंट बन गए हैं मोदीजी’, पुरी पीठ के शंकाराचार्य ने कहा- नीतीश-नायडू की बैसाखी पर हैं, सुनाया पुराना किस्सा

SHANKRACHARY
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अंबिकापुर। पुरी पीठ के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने पीएम मोदी पर खुला हमला बोला है। छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर में आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने गोहत्या के सवाल पर कहा कि मोदी जी गो-रक्षा के लिए आए थे लेकिन आज वह गोहत्या के एजेंट हो गए हैं। गोरक्षा के नाम पर प्रधानमंत्री बने थे लेकिन प्रधानमंत्री बनने के बाद वे गो रक्षकों को गुंडा कहते हैं। उन्होंने कहा कि विदेशों में जिंदा गौवंशों को भेजा जा रहा है कि ताकि वहां के लोग बसी की जगह ताजा मांस खाएं।

पुराना किस्सा सुनाया
शंकराचार्य ने कहा कि नरेंद्र मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह थे। तब वह कहते थे प्रधानमंत्री को गोहत्या बंद कर देनी चाहिए। लेकिन मनमोहन सिंह ने गोहत्या को बंद नहीं किया। अब मोदी भारत के प्रधानमंत्री हैं। अब वे कहते हैं, गो-रक्षक गुंडे हैं। शंकराचार्य ने कहा- जो भी प्रधानमंत्री बनता है वह क्रिश्चयन और मुस्लिम कम्युनिटी का दास हो जाता है।

बैशाखी पर चल रही है सरकार
उन्होंने कहा कि देश में नेताओं का वैचारिक पतन हो रहा है। आज देश की राजनीति बैसाखी पर चल रही है। नीतीश और नायडू की बैसाखी के भरोसे सरकार संचालित हो रही है। शंकराचार्य ने कहा कि देश की राजनीति काजल की कोठरी के समान है। मठ, मंदिर शासन का तंत्र बन गया है। देश में किसी भी दल की सत्ता हो मंदिर, देवस्थान इनके दिशा-निर्देश पर चलते हैं। जबकि धर्मनिरपेक्ष सरकार को धार्मिक मामलों में दखल देने का अधिकार नहीं है।

अयोध्या की प्राण प्रतिष्ठा पर उठाए सवाल
शंकाराचार्य ने अयोध्या में रामलला के मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा पर सवाल उठाते हुए कहा- “महत्वाकांक्षाओं के कारण मंदिर का उद्घाटन किया गया और विधिवत प्राण प्रतिष्ठा नहीं होने के कारण मंदिर को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। वहीं, धर्म परिवर्तन पर कहा कि लोग सनातन का गंभीरता से पालन करें। इससे धर्म परिवर्तन पर काफी हद तक अंकुश लगेगा।

शस्त्र का उपयोग गलत नहीं
शंकाराचार्य ने कहा- विनम्रता के नाम पर अन्याय सहना सहिष्णुता नहीं होती। जो स्वभाव से दुष्ट हैं, उनके खिलाफ अस्त्र उठाना कोई अपराध नहीं है। सेना और पुलिस भी लोगों की रक्षा के लिए अस्त्र उठाती है। हम अहिंसा के पक्षधर हैं, लेकिन हिंसा करने वालों पर अस्त्र उपयोग को मैं गलत नहीं मानता हूं।

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