नई गाइडलाइन : DM ने सोशल मीडिया पर टॉक शो चलाने वाले पत्रकार को नोटिस भेजा, केंद्र ने कहा- आपको इसका अधिकार नहीं
इम्फाल। देश में हाल के दिनों में सोशल मीडिया और OTT प्लेटफॉर्म्स को लेकर केंद्र सरकार ने नई गाइडलाइन जारी की है। अब इस गाइडलाइन के तहत कार्रवाई और अधिकारों को लेकर बहस शुरू हो गई है। हुआ यूं कि मणिपुर में सोशल मीडिया पर टॉक शो चलाने वाले एक पत्रकार को इम्फाल के डीएम नोआराम प्रवीन ने इसी नई गाइडलाइन के तहत नोटिस भेजा।
डीएम को टॉक शो के कुछ पॉइंट्स पर आपत्ति थी। मामला केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय पहुंचा तो डीएम को अपना नोटिस वापस लेना पड़ा। मंत्रालय ने साफ कह दिया कि इस नई गाइडलाइन के तहत आपको यानी जिले के अधिकारियों को कार्रवाई का कोई अधिकार नहीं दिया गया है। मंत्रालय ने डीएम के नोटिस को ‘अतिक्रमण करार दिया है।’
सोशल मीडिया के लिए क्या है नई गाइडलाइंस?
- सोशल मीडिया समेत बाकी इंटरमीडियरीज को अपने यूजर्स खासकर महिलाओं की ऑनलाइन सुरक्षा और गरिमा का ध्यान रखना होगा। किसी की प्राइवेसी खत्म करने वाला कंटेंट, उसका पूरा शरीर या कुछ हिस्सा न्यूड दिखाने वाला या सेक्सुअल एक्टिविटी करते हुए या उसकी तस्वीरों से छेड़छाड़ (मॉर्फ्ड इमेज) वाला कंटेंट शिकायत मिलने के 24 घंटे में हटाना पड़ेगा। इसकी शिकायत खुद इंडिविजुअल या फिर उसकी तरफ से कोई और भी कर सकता है।
- सोशल मीडिया यूजर्स करोड़ों की तादाद में हैं। सोशल मीडिया के गलत इस्तेमाल पर इन यूजर्स को अपनी शिकायत के निपटारे के लिए एक फोरम मिले।अगर कोई अदालत या सरकारी संस्था किसी आपत्तिजनक, शरारती ट्वीट या मैसेज के फर्स्ट ओरिजिनेटर की जानकारी मांगती है तो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को ये जानकारी देनी होगी।
- ये व्यवस्था भारत की अखंडता, एकता और सुरक्षा से जुड़े मामलों, सामाजिक व्यवस्था, दूसरे देशों से रिश्तों, रेप और यौन शोषण जैसे मामलों में लागू होगी।
- हम बड़े सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को यूजर्स के आंकड़े बताएंगे। इन प्लेटफॉर्म को शिकायतों के निपटारे के लिए मैकेनिज्म बनाना होगा। एक अधिकारी की नियुक्ति करनी होगी और इसका नाम भी बताना होगा।
- इस अधिकारी को 24 घंटे के भीतर शिकायत दर्ज करनी होगी और इसका निपटारा 15 दिन के भीतर करना होगा।
- यूजर के सम्मान खासतौर पर महिलाओं के सिलसिले में, अगर किसी की आपत्तिजनक तस्वीर पोस्ट की जाती है तो शिकायत मिलने के 24 घंटे के भीतर कंटेंट हटाना होगा।
- इन कंपनियों को हर महीने एक रिपोर्ट देनी होगी कि कितनी शिकायतें आईं और उन पर क्या कार्रवाई की गई।
- अगर किसी सोशल मीडिया यूजर के कंटेंट को हटाना है तो उसे ऐसा करने की वजह बतानी होगी और उनका पक्ष भी सुनना होगा।
- सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म में यूजर के रजिस्ट्रेशन के लिए वॉलेंटरी वेरिफिकेशन मैकेनिज्म होना चाहिए।
इन गाइडलाइंस के लिए 3 महीने का वक्त
- सिग्निफिकेंट सोशल मीडिया इंटरमीडियरीज के लिए ये गाइडलाइन 3 महीने बाद लागू होंगी ताकि वे अपने मैकेनिज्म को सुधार सकें।
- नियमों और कानूनों का पालन करवाने के लिए भारत में चीफ कॉम्पिलियांस नोडल अफसर, सरकारी एजेंसियों से 24 घंटे संपर्क में रहने वाले नोडल कॉन्टैक्ट पर्सन, शिकायतों के निपटारे के लिए रेसिडेंट ग्रेवांस ऑफिसर की नियुक्ति करनी होगी। ये सभी अफसर भारत में ही रहेंगे।
- किसी पोस्ट या मैसेज के ओरिजिनेटिंग सोर्स की पहचान बतानी होगी ताकि रोकथाम, जांच और सजा जैसी प्रक्रियाएं पूरी की जा सकें। ये व्यवस्था भारत की एकता-अखंडता, सामाजिक व्यवस्था, रेप, यौन शोषण और बाल शोषण जैसे मामलों में लागू होगी।
- वॉलेंटरी वेरिफिकेशन मैकेनिज्म, पोस्ट हटाने की वजह बतानी होगी और यूजर की बात सुननी होगी।
- कोर्ट या सरकारी एजेंसी के मुताबिक अगर कोई जानकारी गैरकानूनी है या भारत की एकता-अखंडता, सामाजिक व्यवस्था, दूसरे देशों से रिश्तों से जुड़े कानून के तहत बैन है तो इसे हटाना होगा।