स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट स्कूलों में शिक्षकीय और गैर शिक्षकीय कोई भी पद खाली न रहे: प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा
स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट स्कूलों के प्राचार्यों की समीक्षा बैठक
रायपुर| प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा डॉ. आलोक शुक्ला ने आज मंत्रालय में राज्य में संचालित हिन्दी एवं अंग्रेजी माध्यम के स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट स्कूलों के प्राचार्यों की समीक्षा बैठक में कहा कि इन स्कूलों में सभी शिक्षकीय और गैर शिक्षकीय पद रिक्त नहीं रहना चाहिए। शिक्षा सत्र प्रारंभ होने से पहले शिक्षकों के सभी पदों पर नियुक्ति पूर्ण कर ली जाए। उन्होंने कहा कि अंग्रेजी माध्यम स्कूलों के संचालन की पूरी जिम्मेदारी प्राचार्यों की है। प्रमुख सचिव ने कहा कि इन स्कूलों में बच्चों के परफार्मेंस के आधार पर रैकिंग की जाएगी। शिक्षा की गुणवत्ता से समझौता न करें। कोरोनाकाल में छत्तीसगढ़ में शिक्षकों ने जो अच्छा कार्य किया है उसे और आगे बढ़ाना है। स्कूल अच्छे से चलेंगे, तभी बच्चे देश में नाम कमाएंगे। स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में प्रवेश के लिए आए आवेदनों की संख्या से इसकी लोकप्रियता के साथ ही लोगों की अपेक्षाएं बढ़ी है।
प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा ने कहा कि शिक्षण व्यवस्था में सुधार लाने से ही बच्चों के शिक्षा के स्तर में सुधार होगा। उन्होंने कहा कि इन स्कूलों में शिक्षण के साथ ही पाठ्येत्तर गतिविधियां जैसे खेल-कूद, संगीत आदि भी आवश्यक है। इससे बच्चों का सर्वांगिण विकास होता है। बच्चों की पढ़ाई और उस अच्छे से सीखना ही शिक्षकों की सफलता है। डॉ. शुक्ला ने कहा कि इन सभी स्कूलों में अधोसंरचना के स्वीकृत कार्य बरसात से पहले पूर्ण कर लिए जाए। पुस्तकालय में प्रतियोगी परीक्षाओं की पुस्तकें तो है, इसके साथ ही कहानी और कविता की पुस्तकें रखनी चाहिए। उन्होंने कहा कि शिक्षण व्यवस्था में सुधार के लिए शिक्षकों का प्रशिक्षण भी जरूरी है। इसके लिए प्रत्येक विषय में अच्छे शिक्षकों का चिन्हांकन कर प्रशिक्षण दिया जाए। इस वर्ष स्कूल खुलते ही पढ़ाई में कमजोर बच्चों के लिए रेमेडियल टीचिंग की व्यवस्था की जाए। डॉ. शुक्ला ने कहा कि अब हर माह स्वामी आत्मानंद स्कूल के प्राचार्यों की समीक्षा बैठक होगी।
सचिव स्कूल शिक्षा डॉ. एस. भारतीदासन ने कहा कि स्वामी आत्मानंद स्कूल के बच्चे राष्ट्रीय प्रतिभा खोज परीक्षा में शामिल हो। इन स्कूलों के बच्चों की प्रतिभा को निखारने के लिए स्कूल स्तर से राज्य स्तर तक विभिन्न प्रतियोगिताएं आयोजित की जाए। कक्षा 12वीं के बच्चों के लिए स्टार्ट-अप और अन्य तकनीकी विषयों में प्रतिभा दिखाने का मौका मिलना चाहिए। विशेष सचिव स्कूल शिक्षा श्री राजेश सिंह राणा ने कहा कि ऑनलाइन सर्वे की एंट्री सॉफ्टवेयर में दर्ज कर ली जाए। शिक्षकों के प्रशिक्षण के लिए प्रत्येक विषय के पांच-पांच टेªनर के नाम एस.सी.ई.आर.टी. को भेज दे। संचालक लोक शिक्षण श्री सुनील जैन ने कहा कि स्वामी आत्मानंद स्कूलों की समीक्षा अब ऑनलाइन एंट्री के माध्यम से की जाएगी। ऑनलाइन एंट्री में प्रत्येक स्कूल में शिक्षकों और प्रवेश लेने वाले छात्रों की जानकारी फोटो से दर्ज की जाएगी। अधोसंरचना के कार्य और उसकी प्रगति की जानकारी भी दर्ज करना होगा।