गोबर खरीदने का विरोध कोई नहीं कर रहा है : रमन सिंह
रायपुर। छत्तीसगढ़ में गोबर पर सियासत के बीच प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रमन सिंह ने कहा है कि गोबर खरीदने का विरोध नहीं किया जा रहा है. सीएम भूपेश बघेल ने प्रदेश में गौ-पालन को आर्थिक रूप से लाभकारी बनाने, खुले में चराई से रोकथाम और सड़कों पर अवारा घुमते पशुओं के प्रबंधन के लिए 25 जून को ‘गोधन न्याय योजना’ शुरू करने का एलान किया है. इस योजना की शुरुआत राज्य में हरेली पर्व के दिन से होगी. लेकिन योजना शुरू होने से पहले ही इसपर सियासत शुरू हो गई है. बीजेपी विधायक अजय चंद्राकर के ट्वीट पर विवाद और कांग्रेस के आरोपों के बीच बीजेपी ने प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया है. पूर्व मुख्यमंत्री और पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रमन सिंह ने कहा कि इस मुद्दे पर कहा कि गोबर खरीदने का कोई विरोध नहीं कर रहा है।
बीजेपी विधायक अजय चंद्राकर को ने ट्वीट किया कि ‘छत्तीसगढ़ के वर्तमान राजकीय चिन्ह नरवा, गरुवा, घुरवा, बारी की अपार सफलता और छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था में “गोबर” के महत्व को देखते हुए इसे राजकीय प्रतीक चिन्ह बना देना चाहिए’. इसके बाद कांग्रेस-बीजेपी नेताओं में बयानबाजी का दौर शुरू हो गया. उन्होंने इसपर सफाई भी दी है. वहीं छत्तीसगढ़ बीजेपी ने कहा कि अजय चंद्राकर ने प्रतिक्रिया दे दी है इसमें पार्टी को अलग से प्रतिक्रिया देने की जरूरत नहीं है. रमन ने कहा कि गोबर खरीदने का कोई विरोध नहीं कर रहा है.
छत्तीसगढ़ में गोबर को लेकर पक्ष और विपक्ष आमने-सामने हैं. कांग्रेस प्रवक्ता आरपी सिंह ने अजय चंद्राकर के ट्वीट को गाय और राजकीय प्रतीक का अपमान बताया है. उन्होंने कहा कि राजकीय प्रतीक चिन्ह और गौ माता का अपमान करके आपने यह स्पष्ट कर दिया है की सनातन हिंदू धर्म और छत्तीसगढ़िया लोगों के लिए बीजेपी के मन में कितनी नफरत और घृणा छुपी हुई है. हालांकि अजय चंद्राकर इसे लेकर सफाई भी दे चुके हैं.