अब ग्रैजुएशन के बाद स्टूडेंट्स सीधे PhD कर सकते हैं, क्या नया बदलाव कर रहा यूजीसी?
नई दिल्ली। यूनिवर्सिटी-कॉलेजों में असिस्टेंट प्रफेसर की नियुक्ति और जूनियर रिसर्च फेलोशिप (JRF) के लिए होने वाले UGC-NET जून 2024 के लिए ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। ṀUGC के अध्यक्ष प्रो. एम. जगदीश कुमार ने कहा कि चार साल की बैचलर डिग्री कर रहे जो छात्र अभी 8वें सेमेस्टर में हैं वे अब सीधे अब सीधे पीएचडी के लिए आवेदन कर सकेंगे। इसके लिए कुल 75% अंक या इसके बराबर ग्रेड होना जरूरी है। 16 जून को UGC-NET एग्जाम है। कुमार ने कहा, ‘ऐसे उम्मीदवार जिस विषय में पीएचडी करना चाहें, उसके लिए पेपर दे सकते हैं, चाहे उन्होंने किसी भी सब्जेक्ट में चार साल की ग्रैजुएशन डिग्री की हो।’ SC, ST, ṆOBC (नॉन-क्रीमी लेयर), दिव्यांग, आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग और अन्य श्रेणियों के उम्मीदवारों के लिए 5% अंकों या इसके बराबर ग्रेड की छूट दी जा सकती है।
यूजीसी ने बनाई तीन नई कैटिगरी
2024-25 से यूनिवर्सिटीज के पास यह अवसर होगा कि वे NET स्कोर के आधार पर ही पीएचडी में एडमिशन दें। यूजीसी ने तीन कैटिगरी बनाई हैं। पहली कैटिगरी में वे छात्र होंगे जो पीएचडी में एडमिशन, जेआरएफ और असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति के लिए पात्र होंगे। दूसरी कैटिगरी में वे कैंडिडेट होंगे, जो पीएचडी में एडमिशन और असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में नियुक्ति के लिए पात्र होंगे और तीसरी कैटिगरी में वे कैंडिडेट होंगे जो सिर्फ पीएचडी में एडमिशन के लिए पात्र होंगे।
UGC-NET के सिलेबस में बदलाव भी संभव
दूसरी और तीसरी कैटिगरी में नेट क्वॉलिफाई छात्रों को नेट स्कोर और इंटरव्यू के आधार पर दाखिला मिलेगा। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को ध्यान में रखते हुए UGC सिंगल नैशनल एंट्रेंस टेस्ट पर फोकस कर रहा है। UGC-NET साल में दो बार होने से छात्रों के पास दो मौके होंगे। नेट एग्जाम में हासिल किया गया स्कोर पीएचडी एडमिशन के लिए एक वर्ष तक वैलिड रहेगा। UGC-NET के सिलेबस में बदलाव की भी प्रक्रिया चल रही है।