November 5, 2024

पंडित प्रदीप मिश्रा की बढ़ी मुसीबतें!, उज्जैन में संत समाज ने लिया बड़ा निर्णय, बोले माफी मांगो वरना…  

उज्जैन। कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा (Pandit Pradeep Mishra) की मुसीबत बढ़ती जा रही है. उज्जैन में दो दिन से उनके खिलाफ चल रहे आंदोलन के बीच बुधवार को षट्दर्शन संत समाज व तीर्थ पुरोहित प्रदर्शन करते हुए चेतावनी दी कि मिश्रा द्वारा माफ़ी नहीं मांगने तक उनकी उज्जैन में कोई भी कथा होने नहीं देंगे.

ये है मामला
राधा रानी और तुलसीदास जी के संबंध में कथा वाचक प्रदीप मिश्रा द्वारा बयान देने से संत और पुरोहित समाज नाराज है. इसी के चलते लामबंद हुए 13 अखाड़ों के संत, महंत और शहर के बड़े मंदिरों के पुजारी बुधवार की शाम को खाकचौक पर स्थित वैदेही गार्डन में एकत्रित हुए. धर्म सभा के बाद खाक चौक पर प्रदर्शन किया.

यहां संत भगवान दास ने कहा कि कल तक साइकिल पर घूमने वाला आज बड़ा कथा वाचक बनकर सनातन धर्म के खिलाफ बोल रहा है. राधा रानी और तुलसीदास पर दिए बयानों की सभी संत निंदा करते हैं और ये प्रण लेते हैं कि प्रदीप मिश्रा जब तक माफ़ी नहीं मांगेंगे तब तक उज्जैन में उनकी कोई भी कथा नहीं होने दी जाएगी. संतो ने कहा कि प्रदीप मिश्रा के पास अरबों की सम्पत्ति कहां से आई इसकी भी जांच होनी चाहिए.

ये हुए शामिल
प्रदर्शन में महंत रामेश्वर दास जी महाराज, राघवेंद्र दास जी,महंत दिग्विजय दास जी, भगवान दास जी, मुनि शरण महाराज, सेवागिरी जी महाराज ज्ञानदास दास महाराज, सांदीपनि आश्रम के रूपम व्यास, पंडित राहुल व्यास, पंडित मनीष उपाध्याय अंगारेश्वर मंदिर,अखिल भारतीय ब्राह्मण समाज व अखिल भारतीय पुरोहित महासभा और धर्म यात्रा संघ के करीब 100 लोग शामिल हुए. उज्जैन में पंडित मिश्रा के खिलाफ़ दो दिन से विरोध चल रहा है.

एडीएम को ज्ञापन
संतो ने एडीएम अनुकूल जैन को पंडित मिश्रा के खिलाफ दिए ज्ञापन मे लिखा कि पंडित मिश्रा द्वारा अपनी कथा के दौरान माता राधा रानी के विषय अर्नगल टिप्पणी की गई है. इसके अलावा महात्मन तुलसीदास जी के विषय में भी आपत्तिजनक टिप्पणी की, जिससे सम्पूर्ण देश व दुनिया के सनातनी भक्तों की भावना आहत हुई है. षट्दर्शन संत समाज व समस्त तीर्थ पुरोहित पंडित प्रदीप मिश्रा द्वारा व्यासपीठ से की जा रही अर्नगल टिप्पणियों पर विरोध प्रकट करते हैं. देवी-देवताओं का अपमान करने वाली प्रवृत्तियों पर विधि अनुसार कार्रवाई कर सनातन देवी-देवताओं का अपमान करने वालों के खिलाफ दण्डात्मक कार्रवाई करें.

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