झोलाछाप डॉक्टर ने गर्भवती को लगाया इंजेक्शन, नाक और मुंह आने लगा खून… फिर वो नहीं उठी
जांजगीर- चांपा। छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा के ग्राम हीरागढ़ टुरी की गर्भवती महिला की मौत के मामले में पुलिस ने ग्राम सिउड़ के झोलाछाप डॉक्टर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। आरोपित डॉक्टर के द्वारा गलत इंजेक्शन लगाने से महिला की तबीयत बिगड़ी और उसके बाद मौत हुई थी।
इससकी पुष्टि शासकीय डॉक्टर ने जांच में की है। मामला नवागढ़ थाने का है। नवागढ़ थाना प्रभारी भास्कर शर्मा ने बताया कि ग्राम हीरागढ़ टुरी निवासी सहदेव कश्यप की पत्नी रुक्मणी कश्यप चार माह की गर्भवती थी। कुछ दिनों से उसके हाथ और पांव में दर्द रहता था।
गर्भवती के हाथ-पैर में तेज दर्द हुआ
एक सितंबर को रात लगभग नौ से दस बजे के आसपास उसके हाथ पैर में तेज दर्ज हुआ। इस दौरान उसकी सांस भी फूलने लगी। तब उसके स्वजनों ने ग्राम सिउड़ के झोलाछाप डॉक्टर ध्रुवंतो सिकदार 52 वर्ष पिता धनंजय सिकदार को बुलाया। जिसने जांच के बाद महिला को एक इंजेक्शन लगा दिया।
इंजेक्शन लगाने के पांच से दस मिनट के बाद उसकी तबीयत ज्यादा खराब होने लगी। महिला को तेज खांसी के साथ नाक और मुंह से खून निकलने लगा। जिसे देखकर स्वजन उसे इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नवागढ़ लेकर गए।
पुलिस ने झोलाछाप को किया गिरफ्तार
जहां डॉक्टरों ने जांच के बाद रुक्मणी कश्यप को मृत घोषित कर दिया। स्वजन ने इसकी सूचना नवागढ़ थाने में दी। जिस पर पुलिस ने मर्ग पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया। पुलिस ने झोलाछाप ध्रुवंतो सिकदार से घटना के संबंध में पूछताछ की। उसने बताया कि महिला को डेरीफायलीन नामक इंजेक्शन लगाया था।
सरकारी डॉक्टर ने झोलाछाप ध्रुवंतो सिकदार के द्वारा गर्भवती महिला के इलाज को गलत बताया। डॉक्टरों ने इंजेक्शन से ही गर्भवती महिला की मौत की आशंका जताई है। इसके बाद झोलाछाप डॉक्टर के खिलाफ बीएनएस की धारा 105 के तहत अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। पुलिस ने सिउड़ निवासी आरोपित ध्रुवंतो सिकदार को आठ सितंबर को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया, जहां से उसे न्यायिक रिमांड पर जेल भेजा गया।