राहुल गांधी ने कहा- कोरोना संकट मजदूरों के शोषण और उनकी आवाज दबाने का बहाना नहीं हो सकता
नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने कई राज्यों में श्रम कानूनों में संशोधन किए जाने की आलोचना करते हुए सोमवार को कहा कि कोरोना (Coronavirus) संकट श्रमिकों के शोषण और उनकी आवाज दबाने का बहाना नहीं हो सकता. उन्होंने ट्वीट किया, ‘अनेक राज्यों द्वारा श्रम कानूनों में संशोधन किया जा रहा है. हम कोरोना के खिलाफ मिलकर संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन यह मानवाधिकारों को रौंदने, असुरक्षित कार्यस्थलों की अनुमति, श्रमिकों के शोषण और उनकी आवाज दबाने का बहाना नहीं हो सकता.’
कांग्रेस ने कहा कि इन मूलभूत सिद्धांतों पर कोई समझौता नहीं हो सकता. दरअसल, कई राज्यों ने अपने यहां श्रमिकों के लिए कामकाज के घंटे को आठ घंटे से बढ़ाकर 12 घंटे कर दिया है. कांग्रेस के नेता पिछले कई दिनों से श्रम कानूनों में बदलाव का विरोध कर रहे हैं।
श्रम कानूनों में बदलाव की शुरूआत 5 मई को मध्य प्रदेश से हुई थी. इसके बाद 7 मई को उत्तर प्रदेश और गुजरात ने भी लगभग 3 साल के लिए श्रम कानूनों में बदलावों की घोषणा कर दी थी. अब महाराष्ट्र, ओडिशा और गोवा ने भी अपने यहां नए उद्योगों को आकर्षित करने और ठप पड़ चुके उद्योगों को गति देने के लिए यूपी, एमपी व गुजरात की तर्ज पर लेबर कानूनों में संशोधन की घोषणा की है. बिहार समेत कुछ और राज्यों ने अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए लेबर कानूनों में बदलाव पर विचार शुरू कर दिया है।