रायपुर : एडवांस कार्डियक इंस्टीट्यूट का स्वास्थ्य मंत्री ने किया लोकार्पण
रायपुर। डॉ. भीमराव अम्बेडकर स्मृति चिकित्सालय स्थित एडवांस कार्डियक इंस्टीट्यूट के ई-लोकार्पण के साथ ही हृदय रोगियों का उपचार सोमवार से एसीआई में प्रारंभ हो जाएगा। शनिवार को स्वास्थ्य मंत्री टी. एस. सिंहदेव ने प्रदेश के अत्याधुनिक एवं सर्वसुविधायुक्त नवस्थापित कैथलैब के साथ एडवांस कार्डियक इंस्टीट्यूट को राज्य की जनता को समर्पित किया। स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव ने एसीआई की टीम को बधाई देते हुए कहा कि नवस्थापित कैथलैब के शुरू हो जाने से हृदय रोगियों के उपचार में और अधिक सहूलियत हो जाएगी। अत्याधुनिक मशीनों के कारण दिल से जुड़ी एंजियोग्राफी, एंजियोप्लास्टी, इलेक्ट्रोफिजियोलॉजी अध्ययन पहले की अपेक्षा तेजी से की जा सकेगी जिससे दिल के मरीजों को काफी फायदा होगा। इसके साथ ही उन्होंने कोरोना काल में डॉक्टरों समेत समस्त चिकित्सकीय स्टॉफ को पूरी सावधानी एवं सतर्कता से ड्यूटी करने को कहा ताकि स्वास्थ्य अमले को संक्रमण से अधिक से अधिक बचाया जा सके। उन्होंने चिकित्सकीय अमले से कहा कि कोरोना से जारी संघर्ष में खुद की सुरक्षा पर ध्यान देना अति आवश्यक है।
अम्बेडकर अस्पताल के टेलीमेडिसीन हाल में आयोजित हुए ई-लोकार्पण कार्यक्रम में अपर मुख्य सचिव चिकित्सा शिक्षा विभाग श्रीमती रेणु पिल्लई, चिकित्सा महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. विष्णु दत्त, अम्बेडकर अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. विनित जैन, एसीआई के कार्डियोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. स्मित श्रीवास्तव, कार्डियोथोरेसिक एवं वैस्कुलर सर्जरी विभागाध्यक्ष डॉ. के.के. साहू शामिल रहे।
लगभग साढ़े तीन करोड़ की लागत से अत्याधुनिक कैथलैब मशीन का इंस्टालेशन एसीआई में किया गया है। कैथलैब मशीन के साथ यहां लगभग सात करोड़ की कीमतों वाली इंट्रा ऑर्टिक बैलून पम्प, रेडियो फ्रीक्वेंसी एबिलेशन, इंट्रा कार्डियक इकोकॉर्डिग्राीफ, इंट्रावैस्कुलर अल्ट्रासाउंड फ्रैक्शन फ्लो रिजर्व एवं इलेक्ट्रोफिजियोलॉजी स्टडीज जैसे एडवांस तकनीक वाली अन्य मशीनों का इंस्टालेशन भी किया गया है। इनमें से इलेक्ट्रोफिजियोलॉजी (ईपी), आरएफए यानी रेडियोफ्रीक्वेंसी एबिलेशन मशीन , आईसीई यानी इंट्रा कार्डियक इकोकॉर्डियोग्राफी मशीन को मिलाकर पूरे भारत का तीसरा शासकीय ईपी लैब स्थापित किया गया है। एसीआई को चिकित्सा नैदानिक उपकरणों के संचालन के लिए भारत सरकार के परमाणु ऊर्जा नियामक परिषद से विकिरण सुरक्षा का लाइसेंस मिल चुका है।ई-लोकार्पण के अवसर पर डॉ. मानिक चटर्जी, डॉ. ओ. पी. सुंदरानी, डॉ. निशांत चंदेल, डॉ. अल्ताफ युसुफ मीर एवं डॉ. जोगेश दासवानी उपस्थित रहे।