March 29, 2024

रायपुर : जंगल सफारी के जानवरों पर Lockdown का असर, बदल गई हैं शेर, बंगाल टाइगर की आदतें

रायपुर। कोरोना (covid-19) के प्रकोप के चलते हुए लॉक डाउन (lockdown) का एक सकारात्मक असर देखने को मिल रहा है।  लॉकडाउन में जहां इंसान परेशान है वहीं छत्तीसगढ़ के रायपुर स्थित जंगल सफारी सहित सूबे के भिलाई और बिलासपुर स्थित चिडियाघर (Zoo) में बंद जंगली जानवर राहत महसूस कर रहे हैं।  साथ ही पहले से काफी बदल भी गये हैं। 

भिलाई स्थित मैत्रीबाग चिड़ियाघर में जानवरों की देखभाल कर रहे रामानंद बताते हैं कि डेढ़ महीने के लॉकडाउन के बाद जानवरों के व्यवहार में बदलाव महसूस किया गया है।  बाड़ों में बंद जानवर पहले से कहीं ज्यादा शांत हो गए हैं। उनमें आक्रामकता (Aggression) कम हुई है।  साथ ही उनमें तनाव (stress) भी कम हुआ है। 


शेर, सफेद टाइगर, बंगाल टाइगर ,पेंथर,तेंदुआ आदि अब पहले से कम दहाड़ते व चिंघाड़ते हैं और बाड़े में कम घूमते हैं।  जबकि पहले पर्यटकों (tourists) की भीड़ को देखकर वे परेशान होते थे। यही हाल बिलासपुर स्थित कानन पेंडारी में भी हैं। वहां के जानवरों के भी व्यवहार में परिवर्तन आया हैं। अमूमन सूबे के तीन बड़े चिड़ियाघर में करीब 15  हज़ार लोग रोजाना आते थे।  ऐसे में इतनी बड़ी भीड़ के बन्द हो जाने से जानवर शांति में हैं। नया रायपुर के सबसे बड़े मानव निर्मित जंगल सफारी के क्यूरेटर कहते हैं कि लॉकडाउन के दौरान जानवरों के स्वास्थ्य पर भी अनुकूल असर पड़ रहा है। 


वन्य जीव वैज्ञानिक श्याम सुन्दर  रॉय  कहते हैं कि लॉकडाउन से जानवरों का बायोलॉजिकल क्लॉक ठीक हो गया है।  इस दौरान चिड़ियाघर के जानवर प्रकृति के अनुसार रह रहे हैं न कि पर्यटकों के अनुसार। लिहाजा उनके स्वभाव में परिवर्तन आना पूरी तरह सम्भव है।  इतना ही नहीं हमारी तरह ही जानवरों को भी डिस्टर्बेंस पसन्द नहीं होता।  लेकिन पर्यटकों की भीड़ के आगे वे बेबस होते थे। अब जबकि शांति है तो चिड़ियाघर में जानवरों को अच्छा लग रहा होगा। 

रॉय आगे कहते हैं कि पिछले डेढ़ महीने से सड़कों पर गाड़ियां भी लगभग बन्द हैं।  इसके साथ ही आसमान में जहाजों का आवागमन भी बंद है।  गाड़ियों के बाद हवाई जहाज सबसे ज्यादा ध्वनि प्रदूषण फैलाते हैं।  जानवरों की बात करें तो 20 डेसीबल आवाज होने पर ही वे घबराने लगते हैं। जबकि भिलाई और बिलासपुर में चिड़ियाघरों के पास से लगातार चलती गाड़ियां तो काफी परेशानी पैदा करती थीं। इस दौरान सबसे ज्यादा परेशान जमीन पर रेंगने वाले जीव होते थे।  लेकिन अब लॉकडाउन से ध्वनि प्रदूषण में आई कमी से निश्चित ही जानवरों को राहत मिली है और तनाव कम हुआ है। इसी तरह जंगल सफारी से विमानतल ज्यादा दूर न होने के कारण विमानों की आवाजाही से भी वन्य प्राणी परेशान हो जाते हैं। अभी विमानों की मूवमेंट बंद हैं इसलिए इन्हे काफी राहत हैं। 

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