रिजर्व बैंक ने रेपो रेट को 35 Bps बढ़ाया, लोन हो जाएंगे महंगे, बढ़ेगी EMI
नईदिल्ली। RBI की मौद्रिक नीति समिति की बैठक आज समाप्त हो गई है. बैठक के नतीजों की घोषणा करते हुए रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने रेपो रेट में 35 बेसिस प्वाइंट बढ़ाने की घोषणा की है. आरबीआई ने रेपो दर को 35 आधार अंकों से बढ़ाकर 6.25% कर दिया है. अगले 12 महीनों में मुद्रास्फीति 4% से ऊपर रहने की उम्मीद है.
रेपो वह दर है जिस पर केंद्रीय बैंक बैंकों को अल्पकालिक धन उधार देता है. एक आधार अंक एक प्रतिशत अंक का सौवां हिस्सा होता है. एमपीसी साल भर दर वृद्धि की राह पर रही है, मुद्रास्फीति से लड़ने के लिए नीतिगत दरों में लगभग दो प्रतिशत अंकों की वृद्धि की गई है. खुदरा मुद्रास्फीति लगभग पूरे वर्ष केंद्रीय बैंक के सहज स्तर से ऊपर रही है.
कायदे से, MPC को मुद्रास्फीति को 2-6 प्रतिशत के दायरे में रखना आवश्यक है. जैसा कि यह उस जनादेश को पूरा करने में विफल रहा, नवंबर की शुरुआत में पैनल ने अपनी विफलता और कीमतों को कम करने के लिए उठाए जाने वाले कदमों के बारे में एक पत्र लिखने के लिए मुलाकात की. 2016 में एमपीसी की स्थापना के बाद से यह पहली बार है कि इस तरह के पत्र का मसौदा तैयार करना पड़ा है. दरों में बढ़ोतरी का एमपीसी का फैसला लगातार उच्च मुद्रास्फीति की पृष्ठभूमि में आया है, जो लगातार 10 महीनों से केंद्रीय बैंक के लक्ष्य से ऊपर बनी हुई है.
भारत की प्रमुख खुदरा मुद्रास्फीति की दर अनुकूल आधार पर पिछले महीनों में 7.41 प्रतिशत से अक्टूबर में 6.77 प्रतिशत के तीन महीने के निचले स्तर पर गिर गई, लेकिन अभी भी केंद्रीय बैंक के 6 प्रतिशत के ऊपरी सहनशीलता बैंड से ऊपर है. आरबीआई के इस कदम से पहले से ही महंगे लोन अब और महंगे हो जाएंगे और आपके कर्ज की ईएमआई बढ़ जाएगी.
बता दें, आरबीआई ने कोविड-प्रेरित लॉकडाउन के प्रभाव को कम करने के उद्देश्य से मार्च, 2020 में रेपो दर में कमी की थी और 4 मई, 2022 को इसे बढ़ाने से पहले लगभग दो वर्षों के लिए बेंचमार्क ब्याज दर में यथास्थिति बनाए रखी थी.