मध्य प्रदेश में तेजी से बढ़ रहा है सड़कों का नेटवर्क, हजारों करोड़ के रोड प्रोजेक्ट पर चल रहा काम
भोपाल। मध्य प्रदेश की मोहन यादव सरकार प्रदेश के औद्योगिक और समाजिक विकास के लिए लगातार काम कर रही है। इसी तहत प्रदेश में तेजी के साथ सड़कों का नेटवर्क बढ़या जा रहा है। इसके साथ ही राज्य में बुनियादी ढांचे को मजबूत किया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री मोहन यादव की डबल इंजन सरकार मिलकर मध्य प्रदेश में सड़कों का तेजी से विस्तार कर रहीं, जिससे राज्य के विकास को नया आयाम मिल रहा है।
40 हजार करोड़ रुपये का रोड प्रोजेक्ट
मध्य प्रदेश में काफी बड़े लेवल पर चल रही रोड प्रोजेक्ट का काम किया जा रहा है। इन प्रोजेक्ट्स के तहत केवल सड़कों और राजमार्गों का निर्माण ही नहीं किया जा रहा है, बल्कि राज्य के हर नागरिक के जीवन को सरल और समृद्ध बनाने का भी काम किया जा रहा है। केन्द्र सरकार तरीफ से करीब 40 हजार करोड़ रुपये के रोड प्रोजेक्ट से मध्य प्रदेश में स्थायी बेसिक स्ट्रक्चर विकसित की जाएगी।
24 नेशनल हाईवे प्रोजेक्ट पर काम जारी
मध्य प्रदेश को इस साल जनवरी के महीने में 10,405 करोड़ रुपये के 24 नेशनल हाईवे प्रोजेक्ट की ऐतिहासिक सौगात मिली। भोपाल और जबलपुर में आयोजित कार्यक्रमों में इन रोड प्रोजेक्ट्स का शिलान्यास और लोकार्पण किया गया। जहां भोपाल में 8,038 करोड़ रुपये के 498 किलोमीटर लंबी 15 नेशनल हाईवे प्रोजेक्ट्स का शिलान्यास हुआ, वहीं जबलपुर में 2,367 करोड़ रुपये के 226 किलोमीटर लंबी 9 प्रोजेक्ट्स का शिलान्यास हुआ है। इन प्रोजेक्ट्स में NH-46 का 6-लेन विस्तार, NH-146बी का 4-लेन विस्तार और कई दो-लेन सड़क निर्माण कार्य शामिल हैं। जिनसे राज्य के अलग- अलग क्षेत्रों को रोड प्रोजेक्ट से कनेक्ट किया जा रहा है।
6-लेन आगरा-ग्वालियर नेशनल हाई-स्पीड कॉरिडोर प्रोजेक्ट
इसके अलावा पीएम मोदी की केंद्रीय कैबिनेट ने 4,613 करोड़ रुपये के 88 किलोमीटर लंबे 6-लेन आगरा-ग्वालियर राष्ट्रीय हाई-स्पीड कॉरिडोर प्रोजेक्ट को भी को मंजूरी दी। इस हाई-स्पीड कॉरिडोर को बिल्ड-ऑपरेट-ट्रांसफर (BOT) मोड पर विकसित किया जाएगा, जो आगरा और ग्वालियर के बीच सफर के टाइम को करीब 50 प्रतिशत तक कम कर देगा। मध्य प्रदेश को इस हाई-स्पीड कॉरिडोर प्रोजेक्ट का फायदा व्यापक स्तर पर मिलेगा। प्रदेश के महाकौशल क्षेत्र के कृषि व्यापार को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि कटनी के कोयला उद्योग, बुधनी के टेक्सटाइल और वुड क्राफ्ट उद्योगों को भी लाभ होगा।