November 30, 2024

नवा छत्तीसगढ़ गढ़ने में महिलाओं की भूमिका सर्वोच्च होगी : राज्यपाल सुश्री उइके 

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निजी चैनल द्वारा आयोजित ‘‘गढ़बो नवा छत्तीसगढ़’’ में महिलाओं की भूमिका विषय पर आयोजित कार्यक्रम में राज्यपाल हुईं शामिल
रायपुर| राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके ने आज यहां निजी चैनल द्वारा ‘‘गढ़बो नवा छत्तीसगढ़’’ में महिलाओं की भूमिका विषय पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि यह अत्यंत गर्व का विषय है कि चैनल का संचालन पूर्ण रूप से महिलाओं के द्वारा किया जा रहा है और संस्थान के शीर्ष से लेकर जिले के संवाददाता तक के पदों पर महिलाएं ही कार्य कर रही हैं। ऐसा संभव है कि पहली बार सुनने पर लोगों को यकीन न हो लेकिन अब यही हकीकत है कि हमारी बहन, बेटियां हर क्षेत्र में कंधे से कंधा मिलाकर चल रही हैं। महिलाओं के शत-प्रतिशत प्रतिनिधित्व वाला यह चैनल निश्चित ही महिलाओं से जुड़े मुद्दों को बड़ी ही संवेदनशीलता के साथ लोगों के सामने रखेगा। उन्होंने कहा कि नया छत्तीसगढ़ गढ़ने में आप सभी के साथ प्रदेश की महिलाओं की भूमिका सर्वाेच्च होगी। आप सभी के योगदान से ही यह प्रदेश आज उत्तरोत्तर विकास कर रहा है। इस अवसर पर पद्मविभूषण से सम्मानित प्रसिद्ध पंडवानी गायिका श्रीमती तीजनबाई, राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष श्रीमती किरणमयी नायक, पद्मश्री सम्मान से सम्मानित श्रीमती शमशाद बेगम विशेष रूप से उपस्थित थे।
 राज्यपाल सुश्री उइके ने कहा कि महिलाओं को आत्मविश्वास और हिम्मत के साथ आगे बढ़ना चाहिए। उन्हें कामयाबी ऐसे ही नहीं मिल जाती। उसके लिए दृढ़ निश्चय और लगन की आवश्यकता होती है। उन्होंने कहा कि मातृ शक्ति के सम्मान के लिए इस वर्ष स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने भी लोगों का आह्वान किया था कि नारी शक्ति का सम्मान करे। उन्होंने कहा कि मां हमारी पहली गुरू होती है। इसके अलावा भी जीवन में अनेक सच्चे मार्गदर्शक मिलते हैं। उन्होंने कहा कि चैनल में ऐसी महिलाओं, लड़कियों की बहादुरी, संघर्षशीलता की कहानी भी दिखानी चाहिए, जिससे अन्य लड़कियों को प्रेरणा मिले। महिला संबंधी मुद्दों को केवल सनसनी के तौर पर न पेश करें, बल्कि संजीदगी के साथ दिखाएं।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राज्यपाल सुश्री उइके ने कहा कि केवल किताबी ज्ञान से ही व्यक्ति शिक्षित नहीं कहा जा सकता है, बल्कि व्यक्ति को व्यवहारिक ज्ञान भी होना चाहिए। राज्यपाल सुश्री उइके ने कहा कि वर्तमान समय में पत्रकारिता के क्षेत्र में कई चुनौतियां हैं। जनसरोकार से जुड़े मुद्दों पर गंभीर पत्रकारिता की जरूरत महसूस की जा रही है। विशेष रूप से महिलाओं तथा वंचित तबके से जुड़े विषयों को समाज के समक्ष पुरजोर तरीके से रखने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि आज इस परिचर्चा में 100 से अधिक महिलाओं ने शामिल होकर अपने विचार साझा किए हैं। प्रदेश की बेटियों में क्षमता की कमी नहीं है, जैसे आप सभी ने संघर्ष के रास्ते को चुनकर सफलता पाई है। वैसे ही अपने प्रदेश की बहनों का आप सभी उत्साहवर्धन करें। राज्यपाल सुश्री उइके ने कहा कि आज लोगों के दृष्टिकोण में परिवर्तन की बेहद आवश्यकता है। हमें कभी यह नहीं सोचना चाहिए कि जो काम हमेशा से पुरूष करते आए हैं उन्हें लड़कियां कैसे कर सकती हैं। हमें बेटे और बेटी में भेद को खत्म करना होगा। 
प्रसिद्ध पंडवानी कलाकार और पद्मविभूषण श्रीमती तीजन बाई ने कार्यक्रम को संबोधित किया और पंडवानी में द्रौपदी के चीरहरण के अंश की संक्षिप्त किन्तु ओजस्वी प्रस्तुति भी दी। 
इस दौरान कार्यक्रम को राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक और पद्मश्री श्रीमती शमशाद बेगम ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम में राज्यपाल को टी.वी.27 टीम द्वारा स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। इसके पूर्व राज्यपाल के आगमन पर महिला धुमाल बैंड ने उनका पूरे जोशोखरोश से स्वागत किया। इस अवसर पर जनधारा मीडिया समूह के प्रधान संपादक श्री सुभाष मिश्रा, टी.वी.27 चैनल की राज्य प्रमुख श्रीमती सुरूचि मिश्रा धनेरवाल, श्रीमती रचना मिश्रा सहित बड़ी संख्या में महिलाएं उपस्थित थीं। 

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