November 1, 2024

बैडमिंटन कोर्ट में साइना नेहवाल को चौंकाया, शानदार खिलाड़ी हैं राष्ट्रपति मुर्मू, देखिए वीडियो

नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू बुधवार को राष्ट्रपति भवन में देश की स्टार बैडमिंटन खिलाड़ी साइना नेहवाल के साथ बैडमिंटन कोर्ट में दो-दो हाथ करती नजर आईं। ताज्जुब की बात तो यह है कि मुर्मू ने अपने शानदार खेल से साइना नेहवाल जैसी दिग्गज खिलाड़ी को भी चौंका दिया। वीडियो में साइना नेहवाल, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के सामने जीत के लिए संघर्ष करती हुई दिख रही हैं। एक पेशेवर बैंडमिंटन खिलाड़ी की तरह राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का अंदाज देशवासियों को बेहद पसंद आया है। खेल का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है। राष्ट्रपति के एक्स हैडल से एक लंबी पोस्ट के साथ कुछ तस्वीरें भी शेयर की गई है।

राष्ट्रपति के एक्स हैडल के कैप्शन में लिखा गया, ‘द्रौपदी मुर्मू का खेलों के प्रति स्वाभाविक प्रेम तब देखा गया जब उन्होंने राष्ट्रपति भवन के बैडमिंटन कोर्ट में स्टार खिलाड़ी साइना नेहवाल के साथ बैडमिंटन खेला। राष्ट्रपति का प्रेरक कदम भारत के बैडमिंटन को एक ताकत के रूप में उभरने को ध्यान में रखते हुए है, जिसमें महिला खिलाड़ी विश्व मंच पर बड़ा प्रभाव डाल रही हैं।’

पोस्ट में आगे लिखा गया, ‘पद्म पुरस्कार विजेताओं की विशेषता वाली ‘हर स्टोरी – माई स्टोरी’ व्याख्यान सीरीज के एक भाग के रूप में, पद्म श्री और पद्म भूषण से सम्मानित एक प्रतिष्ठित भारतीय खिलाड़ी साइना नेहवाल राष्ट्रपति भवन सांस्कृतिक कार्यक्रम में भाषण देंगी और दर्शकों के साथ बातचीत करेंगी।


राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बुधवार को राष्ट्रपति भवन सांस्कृतिक केंद्र (आरबीसीसी) में आयोजित एक कार्यक्रम में ऐतिहासिक फुटबॉल टूर्नामेंट डूरंड कप के 133वें संस्करण के लिए ट्रॉफियों का अनावरण किया। तीन ट्रॉफियों के अनावरण के बाद कार्यक्रम में उपस्थित सभी गणमान्य व्यक्तियों के साथ एक समूह फोटो ली गई। फोटो सत्र के बाद, राष्ट्रपति, उपस्थित सभी लोगों के साथ, डूरंड कप ट्रॉफी दौरे की शुरुआत करने ध्वजारोहण समारोह के लिए बाहर निकलीं। राष्ट्रपति ने कहा,’डूरंड कप भारत का सबसे पुराना फुटबॉल टूर्नामेंट है। यह एक ऐसा टूर्नामेंट है जिसमें विजेता तीन ट्रॉफी जीतता है: डूरंड कप, प्रेसिडेंट कप और शिमला ट्रॉफी। यह टूर्नामेंट लगभग 135 वर्षों से चल रहा है। मुझे बताया गया है कि शिमला ट्रॉफी 1904 में शिमला के स्थानीय लोगों द्वारा खिलाड़ियों को प्रदान की गई थी। भारत के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने टूर्नामेंट के 1950 के संस्करण के विजेताओं को प्रेसिडेंट कप दिया था और तब से हर विजेता को यह पुरस्कार मिलता है। तीनों ट्रॉफियां एक परंपरा है।’

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