November 15, 2024

कांग्रेस को झटका : गुजरात में प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष ने दिया इस्तीफा

अहमदाबाद। गुजरात कांग्रेस में राजनीतिक संकट खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. गुजरात कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अमित चावड़ा और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी संभाल रहे परेश धनानी ने भी अपना इस्तीफा राज्य के पार्टी प्रभारी राजेश यादव को बुधवार को सौंप दिया है. माना जा रहा है कि दोनों नेताओं ने अपना इस्तीफा गुजरात में पिछले दिनों हुए उपचुनाव में कांग्रेस की करारी हार की वजह से दिया है. ऐसे में गुजरात में नए-नए प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष के लिए कांग्रेस की अंदरुनी सियासत गरमा गई है. 

अहमदाबाद नगर निकाय से पहले गुजरात कांग्रेस के प्रभारी राजीव सातव राज्य में डेरा जमाए हुए हैं. उन्होंने पिछले दिनों उपचुनाव की हार की वजहों को लेकर एक रिपोर्ट कांग्रेस हाईकमान को भेजी थी. गुजरात के प्रदेश अध्यक्ष अमित चावड़ा और परेश धनानी के नेतृत्व  में लोकसभा और दो उपचुनाव हुए हैं. लोकसभा चुनाव में कांग्रेस गुजरात की 26 में से एक भी सीट नहीं जीत पाई थी और अभी हाल ही में हुए उपचुनाव में भी कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा.

गुजरात में कांग्रेस के लगातार निराशाजनक प्रदर्शन को लेकर पार्टी के अंदर सवाल खड़े हो रहे थे. ऐसे में माना जा रहा है कि इसी के चलते कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अमित चावड़ा और विधानसभा में विपक्ष के नेता परेश धनानी ने अपना इस्तीफा सौंप दिया है. 

नेता प्रतिपक्ष परेश धनानी ने कहा कि उपचुनाव में पार्टी की हार के बाद उन्होंने हाईकमान को अपने इस्तीफे की पेशकश की थी और अब उन्होंने अपना इस्तीफा सौंप दिया है. परेश धनानी के इस्तीफे के बाद विधानसभा में विपक्ष के नेता के रूप में अब शैलेश परमार पूंजा वंश और अश्विन कोटवाल में से किसी एक को चुने जाने की चर्चा है. 

वहीं, गुजरात कांग्रेस के अध्यक्ष से अमित चावड़ा के इस्तीफा देने के बाद अगले पीसीसी के लेकर भी चर्चा काफी तेज हो गई है. नए प्रदेश अध्यक्ष के लिए अर्जुन मोढवाडिया और जगदीश ठाकुर के नाम की चर्चा चल रही है. इसके अलावा कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष के तौर पर हार्दिक पटेल को भी प्रमोशन देने की बात सामने आ रही है. माना जा रहा है कि पार्टी हाईकमान हार्दिक पटेल को प्रदेश अध्यक्ष बनाकर गुजरात में पार्टी कमान सौंप सकती है. 

हालांकि, गुजरात में कांग्रेस की मुसीबत कम होने का नाम नहीं ले रही है. राज्यसभा चुनाव से पहले आठ कांग्रेसी विधायकों ने पार्टी छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया और इन आठ सीटों पर हुए उपचुनाव में कांग्रेस एक भी सीट नहीं जीत सकी. वहीं, नगर निकाय चुनाव को लेकर बीजेपी अपनी तैयारियों में जुटी है तो कांग्रेस बिखरती हुई नजर आ रही है. ऐसे में कांग्रेस के नए अध्यक्ष के सामने निकाय चुनाव से पहले संगठन को खड़े करने और चुनावी जंग फतह करने की बड़ी चुनौती होगी.

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