कहीं प्राचार्य नदारद तो कहीं बाबू गायब; शिक्षकों व कर्मचारियों के लिए जारी हुआ आदेश, लापरवाहों पर होगी कार्रवाई
रायपुर। छत्तीसगढ़ में कोरोना के बढ़ते मामले को देखते हुए पिछले दिनों स्कूल संचालन का नियम बनाया गया था। इसके बाद भी लापरवाही सामने आ रही थी। अब प्राचार्य सहित शिक्षक व कर्मचारियों के लिए भी आदेश जारी हुआ है। विभाग को शिकायत मिली थी कि स्कूल खुलने के बाद भी प्राचार्य, शिक्षक एवं अन्य कर्मचारी नदारद रहते हैं। इसलिए निर्देश जारी किया गया हैं। इसके बाद ऐसे लोगों पर कार्रवाई होगी , कलेक्टर के आदेशानुसर शिक्षा अधिकारी ने यह आदेश जारी किया है।
बता दें इस निर्देश के जारी होने के बाद भी विगत दो दिनों से राजधानी सहित जिले के कुछ स्कूलों में प्राचार्य हुए कतिपय शिक्षक विभिन्न बहानों में नदारद मिले हैं। राजधानी के कुछ स्कूलों में तो प्राचार्य और बाबुओं की इतनी मनमानी है कि स्कूल खुलने के बाद भी दो-दो,तीन-तीन दिनों तक प्राचार्य कक्ष और कार्यालय तक नहीं खुल पाता। शिक्षक बगैर उपस्थिति पंजी में हस्ताक्षर के ही सेवायें देते रहते हैं। कुछ स्कूलों में हालत यह है कि वर्षों से पदस्थ बाबुओं को स्कूल के बच्चे भी नहीं पहचानते। राजधानी के ही कुछ स्कूलों में पेयजल,शौचालय सहित कमरों में अन्य व्यवस्थाएं चौपट हैं।
कलेक्टर के आदेश को संलग्न करते हुए रायपुर डीईओ से जारी आदेश में कहा गया हैं कि शासन के आदेशानुसार 9वीं-12वीं तक के स्कूल खोल दिया गया है. इसके संचालन के लिए एक गाइडलाइन भी जारी कर दी गई है. इसके लिए आपकी संस्था में अधिकारी कर्मचारियों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए दिशा-निर्देश जारी किया गया है.
माह के अंत में प्राचार्य अपनी उपस्थिति पंजी की छाया प्रति जिला शिक्षा अधिकारी से प्रमाणित करने के बाद वेतन का आहरण करें, बच्चों के गुणात्मक विकास के लिए आगामी तीन माह का रोडमैप तैयार कर जिला शिक्षा अधिकारी को अवगत कराए. उपस्थिति पंजी में स्वयं का हस्ताक्षर तथा अधीनस्थ कर्मचारियों की उपस्थिति सुनिश्चित कर उपस्थिति पंजी में प्राचार्य के नाम शुरू होकर कनिष्ठ कर्मचारी के नाम अंकित किया जाए.
कार्य दिवस में संस्थान में उपस्थिति और अनिवार्य छुट्टी का प्रयोग अपने सक्षम अधिकारियों के अप्रूवल के बाद ही छुट्टी ले। कोरोना संक्रमण के मद्देनज़र स्कूलों में से बचने के सुरक्षात्मक उपायों का कठोरता से पालन करें। डीईओ के मुताबिक़ आदेश के पालन नहीं करने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
बहरहाल देखना यह हैं कि इस आदेश के बाद कितने लापरवाह प्राचार्य, शिक्षक और कर्मचारी सही रास्ते में आकर अपनी सेवायें देते हैं। ऐसा नहीं करने वाले पर सच में प्रशासन कार्यवाई करती भी है या नहीं।