स्पॉटेड एंगल : भोरमदेव में मिली दुर्लभ प्रजाति की तितली
कवर्धा। छत्तीसगढ़ के कवर्धा के भोरमदेव अभ्यारण्य में दुर्लभ प्रजाति की तितली मिली है. जिसे स्पॉटेड एंगल नाम दिया गया है। इस प्रजाति की तितली कहीं और नहीं पाई जाती. पहली बार कवर्धा के भोरमदेव अभ्यारण्य में इसकी खोज की गई है। जूलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के द्वारा अभ्यारण्य क्षेत्र में सर्वे किया गया है, जिसमें ये तितली रिकार्ड में नहीं है। वन अमले की टीम खोज में ये दुर्लभ प्रकार की तितली मिली है. अब तक तितलियों के रिकार्ड में इस तरह की तितली नहीं है।
अभ्यारण्य में इसके अलावा 90 प्रकार की तितली पाई जाती हैं. इसके अलावा ब्लू मार्मोन तितली बस्तर के अलावा भोरमदेव अभ्यारण्य पाई जाती है. इस स्थान को पर्यटन स्थल के रूप में भी विकसित किया जाएगा. ताकि भोरमदेव अभ्यारण्य घुमने आने वाले पर्यटकों को तितलियों के मनोरम दुनिया को दिखा सकें. जैविक विविधता, वन संपदा, प्रचुर लघु वनोपज, असंख्य आयुर्वेद जड़ी बुटियों के लिए सुप्रसिद्ध छत्तीसगढ़ की मैकल पर्वत माला श्रृंख्ला का भोरमदेव वन्य प्राणी अभ्यारण अब तितलियों की विभिन्न दुर्लभ और विलुप्त प्रजातियों के बसेरा के लिए देश मे मशहूर होने जा रहा है.
इस अभ्यारण्य में खोज के दौरान भारत देश में विलुप्त हो रही तितलियों की दुर्लभ प्रजाति “स्पॉटेड एंगल“ को देखा गया. जूलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के द्वारा भोरमदेव वन्य प्राणी अभ्यारण में किए गए सर्वे रिपोर्ट में भी स्पॉटेड एंगल तितली का जिक्र रिकॉर्ड में नहीं है. छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र के बाद भोरमदेव अभ्यारण में देखी गई तितलियों की यह दुर्लभ प्रजातियां बस्तर में रिकॉर्डेड “एंगल पेरोट” तथा “ओरिएंटल चेस्टनट एंगल” तितलियों को बस्तर के अलावा भोरमदेव वन्य प्राणी अभ्यारण में देखा गया है. भारत की दूसरे नंबर की आकार में सबसे बड़ी तितली “ब्लू मॉर्मोन“ को भी भोरमदेव वन्य प्राणी अभ्यारण में वन अधिकारियों तथा वन्य प्राणी में रुचि रखने वाली इस टीम के द्वारा वन क्षेत्र में भ्रमण के दौरान पाया गया है.