कलेक्टर ने पेश की मानवता की मिसाल, दिव्यांग को टेबल पर बिठाया, खाना भी खिलाया
शहडोल। जब कोई उच्च प्रशासनिक अधिकारी पूरी संवेदनशीलता और सहजता के साथ अपने पदीय दायित्व का निर्वहन करता है. तो उसके प्रति जनमानस में आदरभाव का बढ़ना भी स्वाभाविक हो जाता है. कुछ ऐसी ही संवेदनशीलता के साथ शहडोल कलेक्टर डॉ. केदार सिंह ने जिस तरह से उमरिया जिला के सरवाई कला निवासी एक दिव्यांग युवक के प्रति आत्मीयता दिखाई. उससे न केवल दिव्यांग युवक को तात्कालिक राहत मिली बल्कि उसे शीघ्र न्याय मिलने की उम्मीद भी बढ़ गई.
दरअसल, शासकीय इंदिरा गांधी कन्या महाविद्यालय शहडोल ने विकलांग कैटेगरी में भर्ती के लिए विज्ञापन निकाला था. इसी सिलसिले में उमरिया जिला निवासी दोनों पैर से दिव्यांग एक युवक ने आवेदन किया और मंगलवार को इंटरव्यू देने शहडोल आ पहुंचा. शासकीय इंदिरा गांधी कन्या महाविद्यालय शहडोल तक आने के लिए उसने ₹5000 में ऑटो बुक किया था.
सुबह से खाली पेट परेशान हो रहा था युवक
अफसोस की बात यह रही कि कॉलेज प्रबंधन ने उसका इंटरव्यू ही नहीं लिया. सुबह से खाली पेट दिव्यांग युवक परेशान होता रहा. आखिरकार अपनी फरियाद लेकर वह देर शाम कलेक्टर कार्यालय पहुंचा. कलेक्टर डॉ. केदार सिंह ने उसकी हालत देखकर उसे अपनी टेबल पर बिठाकर न केवल उसकी फरियाद सुनी विकलांग बल्कि, उसके साथ आये अन्य 3 लोगों के भोजन की व्यवस्था भी की.
कलेक्टर ने कॉलेज प्रबंधन से मांगी भर्ती की फाइल
शहडोल कलेक्टर डॉ. केदार सिंह ने कलेक्टर उमरिया को फोन पर दिव्यांग युवक की परिस्थितियों से अवगत कराते हुये उसे ट्राई साईकल देने को कहा. इसके साथ ही डॉ. केदार सिंह ने शासकीय इंदिरा गांधी कन्या महाविद्यालय प्रबंधन से भर्ती प्रक्रिया की पूरी फाइल भी तलब की है.