छत्तीसगढ़ के रग-रग में रचा-बसा सांस्कृतिक विविधता का रंग: स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. टेकाम
आत्मानंद स्कूलों के राज्य स्तरीय सांस्कृतिक कार्यक्रमों का रंगारंग उद्घाटन
रायपुर| स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम स्वामी आत्मानंद योजनांतर्गत संचालित स्कूलों के दो दिवसीय राज्य स्तरीय सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आज राजधानी रायपुर स्थित प्रणवानंद अकादमी के सभागार में रंगारंग उद्घाटन किया। राज्य स्तरीय सांस्कृतिक कार्यक्रम में 321 विद्यार्थी भाग ले रहें हैं। इनमें रायपुर संभाग से 88 विद्यार्थी, बस्तर संभाग से 61, सरगुजा संभाग से 77, बिलासपुर संभाग से 50, दुर्ग संभाग से 45 विद्यार्थी शामिल हैं। साथ ही 30 शिक्षक भी इन बच्चों के मार्गदर्शक के रूप में शामिल हुए हैं। प्रतिभागी बच्चों को नाटक, एकल नृत्य, समूह नृत्य, एकल व समूह गायन, वादन कला में अपनी प्रतिभा के प्रदर्शन का मौका मिलेगा।
स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. टेकाम ने उद्घाटन सत्र में कहा कि हमारे छत्तीसगढ़ के रग-रग में सांस्कृतिक विविधता के रंग रचे-बसे है। सुकमा से सूरजपुर तक भाषा, वेशभूषा और रीति-रिवाज की एक सुनहरी कड़ी की हम छत्तीसगढ़िया ही नहीं वरन् देश-दुनिया के लिए एक अनुपम उदाहरण है। उन्होंने कहा कि अभी हॉल ही में राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर आदिवासी महोत्सव में 28 राज्य एवं 10 देशों के संस्कृतियों के आदान-प्रदान का साक्षात्कार सभी ने किया।
स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम स्वामी आत्मानंद योजनांतर्गत संचालित स्कूलों के दो दिवसीय राज्य स्तरीय सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आज राजधानी रायपुर स्थित प्रणवानंद अकादमी के सभागार में रंगारंग उद्घाटन किया। राज्य स्तरीय सांस्कृतिक कार्यक्रम में 321 विद्यार्थी भाग ले रहें हैं। इनमें रायपुर संभाग से 88 विद्यार्थी, बस्तर संभाग से 61, सरगुजा संभाग से 77, बिलासपुर संभाग से 50, दुर्ग संभाग से 45 विद्यार्थी शामिल हैं। साथ ही 30 शिक्षक भी इन बच्चों के मार्गदर्शक के रूप में शामिल हुए हैं। प्रतिभागी बच्चों को नाटक, एकल नृत्य, समूह नृत्य, एकल व समूह गायन, वादन कला में अपनी प्रतिभा के प्रदर्शन का मौका मिलेगा।
स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. टेकाम ने उद्घाटन सत्र में कहा कि हमारे छत्तीसगढ़ के रग-रग में सांस्कृतिक विविधता के रंग रचे-बसे है। सुकमा से सूरजपुर तक भाषा, वेशभूषा और रीति-रिवाज की एक सुनहरी कड़ी की हम छत्तीसगढ़िया ही नहीं वरन् देश-दुनिया के लिए एक अनुपम उदाहरण है। उन्होंने कहा कि अभी हॉल ही में राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर आदिवासी महोत्सव में 28 राज्य एवं 10 देशों के संस्कृतियों के आदान-प्रदान का साक्षात्कार सभी ने किया।