November 19, 2024

सरकार ने मानी कर्मचारियों की मांगे, कर्मचारियों की हड़ताल खत्म

०० मंत्री रविन्द्र चौबे ने कर्मचारियों से सरकार की ओर से की मध्यस्थता, फिर कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन ने लिया निर्णय

रायपुर| पिछले 12 दिनों से प्रदेश में चल रही कर्मचारियों की हड़ताल खत्म हो गई है। इसमें करीब 4 लाख कर्मचारी और कई संगठन शामिल थे। इससे पहले गुरुवार को इस हड़ताल में शामिल तमाम संगठनों के पदाधिकारियों ने बैठक की थी। इसमें हड़ताल खत्म करने पर सहमति नहीं बन पाई थी, लेकिन शुक्रवार को हुई कोर कमेटी की बैठक के बाद हड़ताल खत्म करने की घोषणा कर दी गई। इस मामले में मंत्री रविंद्र चौबे कर्मचारियों से सरकार की ओर से बात कर रहे थे।

वर्तमान में कर्मचारियों को 28% महंगाई भत्ता मिल रहा है इसे 34% किए जाने की मांग थी जो 6% अटका हुआ था उसे देने की बात तय हो गई है तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के संरक्षक विजय झा ने बताया दिवाली या राज्योत्सव के आसपास इस राशि का भुगतान कर्मचारियों को किया जाएगा एरियस भी मिलेगा। इसी वादे के बदले कर्मचारियों की हड़ताल खत्म की है। आज सभी जिलों में कर्मचारी लौट जाएंगे और सोमवार से काम शुरू होगा। फेडरेशन के संयोजक कमल वर्मा ने कहा है कि फेडरेशन ने मुख्य सचिव को जो सुझाव दिया था। सरकार ने सभी सुझाव को स्वीकार कर लिया है। समझौता मंत्री रविन्द्र चौबे के बंगले में हुआ है। उन्होंने मुख्यमंत्री से सहमति लेकर फेडरेशन के प्रतिनिधियों को अवगत कराया गया। आज से आंदोलन को स्थगित किया जाता है। सभी साथी अपने कार्यालय में तत्काल उपस्थिति दें।

हडताल खत्म होने के बाद मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा कि मैं कर्मचारी-अधिकारी के अध्यक्ष कमल वर्मा और उनकी पूरी टीम को मैं धन्यवाद करता हूं कि उन्होंने सीएम की अपील पर हड़ताल खत्म करने का फैसला लिया है। फेडरेशन की मांगों पर हम चर्चा कर रहे थे। लगभग अधिकांश मांगों पर सहमति बनी है। आने वाले समय में और जो भी इनके हित में निर्णय होगा, वो सरकार लेगी। छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन ने गुरुवार दोपहर बाद राजपत्रित अधिकारी संघ के शंकर नगर स्थित कार्यालय में जिला संयोजकों और संबद्ध संगठनों के अध्यक्षों की बैठक हुई थी। शुरुआती बातचीत में ही माहौल गर्म हो गया था। वहीं कार्यालय में जगह कम पड़ने लगी। कोई नतीजा नहीं निकला तो सभी कर्मचारी नेताओं को रायपुर के बहु उद्देशीय स्कूल में बुलाया गया। वहां देर रात तक बैठक चली। अधिकांश संगठनों के प्रतिनिधियों की राय थी की जो राजनीतिक पार्टी मंहगाई के खिलाफ दिल्ली जाकर प्रदर्शन करने वाली है। उस पार्टी की सरकार को कर्मचारियों के मंहगाई भत्ते की मांग पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करना चाहिए। उनका कहना था, जब तक सरकार इस संबंध में कोई निर्णय नहीं लेती तब तक हड़ताल जारी रखा जाए।

error: Content is protected !!