November 19, 2024

रिमोट से चलती है साय सरकार, सुशासन तो छोड़िए कहीं नहीं है इसका अता पता : भूपेश बघेल

रायपुर। राजधानीमें कांग्रेस ने शनिवार को प्रेसवार्ता का आयोजन किया. इस प्रेसवार्ता में विधानसभा नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज भी मौजूद रहे. इस दौरान प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने साय सरकार के 7 महीने के कार्यकाल को लेकर कहा कि साय की सरकार रिमोट कंट्रोल सरकार है. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज ने 24 जुलाई को हुए विधानसभा घेराव को लेकर बीजेपी सरकार पर गंभीर आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी विधानसभा घेराव ना हो इसके लिए कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को रोककर उनसे मारपीट करने का काम किया. वाटर कैनन का भी उपयोग किया. इसके साथ ही विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष चरण दास महंत ने 5 दिनों के विधानसभा सत्र में चार स्थगन प्रस्ताव लाए जाने की बात कही.

रिमोट से चलती है साय सरकार: प्रेसवार्ता के दौरान प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, “7 महीने में भारतीय जनता पार्टी की सरकार विफल रही है. इसके साथ ही राज्य में भ्रष्टाचार और प्रशासन का दबाव हावी हो चुका है. विष्णुदेव साय की सरकार रिमोट कंट्रोल सरकार है. सुशासन की बात तो छोड़िए सरकार है भी कि नहीं, इसका भी पता नहीं चलता. चल भी रहा है तो रिमोट से चल रहा है. बीजेपी के 7 महीने के कार्यकाल में भू माफिया, रेत माफिया, गांजा तस्कर, ड्रग तस्कर, मानव तस्कर, गौ तस्कर एक्टिव हो गया है. इससे जुड़े क्राइम हो रहे हैं. रायपुर में चार बार गोली चलने की घटना भी हुई है. इस तरह की घटना भिलाई के साथ ही रायगढ़ में हुई. दूसरे प्रदेश के लोग आकर गोली चला रहे हैं. प्रोटेक्शन मनी के नाम पर गोली चल रही है. व्यापारियों के घर में घुसकर उन्हें धमकाने के साथ ही मारपीट की जा रही है. बलौदाबाजार की घटना भारतीय जनता पार्टी और विष्णुदेव साय के लिए काला धब्बा है.”

डरी हुई है बीजेपी सरकार: कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा, “विधानसभा सत्र के 5 दिनों के दौरान हमने सदन से लेकर सड़क तक की लड़ाई लड़ी. बिगड़ती कानून व्यवस्था से डरी सहमी जनता को हमारी लड़ाई से भरोसा हुआ है. जनता के हितों के लिए कांग्रेस एक मजबूत विपक्ष के रूप में है. पूरे प्रदेश में बिगड़ते कानून व्यवस्था को लेकर कांग्रेस ने 24 जुलाई को विधानसभा का घेराव किया था. इ

कांग्रेस ने पांच दिनों के सत्र में 4 बार स्थगन प्रस्ताव लाया: इसके साथ ही प्रेसवार्ता के दौरान विधानसभा नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत ने कहा, “छत्तीसगढ़ का विधानसभा सत्र 5 दिनों का था. इन 5 दिनों के दौरान कांग्रेस पार्टी के विधायकों ने अपनी सशक्त भूमिका निभाई. साथ ही इन पांच दिनों के सत्र के दौरान कांग्रेस ने चार बार स्थगन प्रस्ताव भी लाया था, जो कांग्रेस की लिए बहुत बड़ी उपलब्धि रही है. विपक्ष में जब बीजेपी की सरकार थी तो 15 दिनों में या एक महीना में स्थगन प्रस्ताव लेकर आई थी. इस बीच सदन में जब नक्सली घटना को लेकर बात हुई, तब हमने असलियत को उजागर करने के लिए बस्तर जैसे नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में भरमार बंदूक को लेकर बात भी उठाई थी.”

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