इन किसानों से वापस ली जाएगी इस योजना से मिली धनराशि, अभी तक वसूले गए 416 करोड़

नई दिल्ली। फरवरी 2019 में केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने पीएम किसान योजना शुरू की थी. इस योजना के तहत देश के सभी पात्र किसानों को हर साल 6,000 रुपये की आर्थिक सहायता मिलती है. यह राशि डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) मोड के माध्यम से लाभार्थियों के आधार से जुड़े बैंक खातों में तीन बराबर किस्तों में सीधे ट्रांसफर की जाती है.
वर्ष 2019 में किए गए अंतर्राष्ट्रीय खाद्य नीति अनुसंधान संस्थान (आईएफपीआरआई) के अध्ययन के अनुसार पीएम-किसान के तहत वितरित पैसे ने ग्रामीण आर्थिक विकास में मुख्य स्रोत का काम किया है. अध्ययन में कहा गया है कि पीएम-किसान योजना ने किसानों की जोखिम उठाने की क्षमता को बढ़ाया है.
सरकार की साझा की गई जानकारी के अनुसार इसकी शुरुआत से अब तक 19 किस्तों के माध्यम से 3.68 लाख करोड़ रुपये से अधिक का वितरण किया गया है.
सरकार ने 416 करोड़ रुपये वसूले
हालांकि सरकार लगातार उन लाभार्थियों पर नजर रख रही है जो इसके लिए पात्र न होने के बावजूद योजना का लाभ उठा रहे हैं. देशभर में अब तक अपात्र लाभार्थियों से 416 करोड़ रुपये की राशि वसूल की जा चुकी है.
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा साझा की गई जानकारी के अनुसार केंद्र सरकार ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश दिया है कि वे अपात्र किसानों को हस्तांतरित की गई किसी भी राशि की वसूली करें.
पीएम किसान योजना के लिए कौन कौन अपात्र है?
आयकरदाता
सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों, राज्य और केंद्र सरकार के कर्मचारी
संवैधानिक पदधारक
संस्थागत भूमि के मालिक
पूर्व और वर्तमान मंत्री, नगर निगमों के वर्तमान महापौर, जिला पंचायतों के पूर्व और वर्तमान अध्यक्ष
सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारी
सभी पेंशनभोगी जिनकी मासिक पेंशन 10,000 रुपये या उससे अधिक है (मल्टी टास्किंग स्टाफ/श्रेणी IV/ग्रुप डी कर्मचारियों को छोड़कर)
सरकार का तकनीकी हस्तक्षेप
सरकार के अनुसार यह सुनिश्चित करने के लिए कई तकनीकी हस्तक्षेप शुरू किए गए हैं कि केवल पात्र किसानों को ही योजना का लाभ मिले. कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय ने कहा कि सरकार विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं को एकीकृत करके किसानों के लिए व्यापक समर्थन सुनिश्चित करने की दिशा में काम कर रही है.