September 30, 2024

छत्तीसगढ़ के इस जंगल में हाथियों की संख्या पहुंची 100 पार, वन विभाग के साथ ग्रामीणों को भी टेंशन

कोरबा। कटघोरा वनमंडल में 51 हाथियों का दल घूम रहा हैं. इसी दौरान खबर आई है कि धरमजयगढ़ वनमंडल से 57 हाथी का दल कोरबा पहुंच गया है. जिसके बाद अब हाथियों की संख्या बढ़कर 108 पहुंच गई है. एक साथ इतनी संख्या में हाथियों की मौजूदगी से ग्रामीणों के साथ वन विभाग भी टेंशन में आ गया है.

100 हाथी एक साथ जिले में बेहद दुर्लभ : कोरबा वन मंडल के कुदमुरा रेंज के श्यांग में 2, जिल्गा बरपाली में 56 और कुदमुरा में एक हाथी है. जबकि कटघोरा वन मंडल में 51 हाथियों का एक अन्य दल विचरण कर रहा है. लंबे समय बाद जिले में हाथियों की संख्या 100 पार हो गई है.

आबादी वाले क्षेत्र में पहुंचा हाथी : कटघोरा वन मंडल अंतर्गत कोरबी चोटिया सर्किल के कोरबी गांव में देर रात लगभग 11:15 बजे एक दंतैल हाथी जंगल से निकलकर घनी आबादी क्षेत्र में प्रवेश कर गया. हाथी कोरबी, रानी अटारी, मुख्य मार्ग बाजार मोहल्ला से होते हुए बस स्टैंड की ओर निकल गया. जिसे देखने के लिए काफी संख्या में लोग जुट गए. किसी तरह हाथी को चोटिया मार्ग की ओर खदेड़ा गया. दंतैल हाथी ने किसी प्रकार की हानि नहीं पहुंचाई, लेकिन वन अमला दहशत में रहा.

कुरमुरा में भी फसल को पहुंचा नुकसान : कोरबा वन मंडल के कुदमुरा रेंज में भी उत्पात मचाते हुए हाथियों ने धान की फसल चौपट करने के साथ बोर की पाइप भी तोड़ दिया है. दो हाथी यहां पहले से ही घूम रहे हैं, अब यहां हाथियों की संख्या 59 पहुंच गई है. कटघोरा वन मंडल में पहले से 51 हाथी मौजूद हैं. केंदई रेंज में 51 हाथियों का झुंड है. एक लोनार हाथी अलग से घूम रहा है. हाथियों का झुंड अभी ग्राम कोरबी सर्किल के फुलसर, रोदे में है, जो धान की फसल को नुकसान पहुंचा रहे हैं. बड़ी संख्या में हाथियों के पहुंचने से आसपास के गांव के ग्रामीणों में दहशत का माहौल है. हाथी अभी जंगल में ही हैं.

वन विभाग अलर्ट, गांव वालों की उड़ी रातों की नींद दिन का चैन: कोरबा जिले के दोनों वनमंडल के कर्मचारी इन दोनों हाथियों के मैनेजमेंट में लगे हुए हैं. वन अधिकारियों की टेंशन बढ़ गई है, तो दूसरी तरफ जिस क्षेत्र में हाथी घूम रहे हैं. वहां के ग्रामीण भी चिंतित हैं. वन अमले ने हाथियों के पहुंचते ही सभी गांवों में मुनादी कराकर लोगों को सतर्क किया है. वन विभाग ने ग्रामीणों को सावधान रहने और जंगल की ओर नहीं जाने की सलाह दी है. लगातार हाथियों की निगरानी की जा रही है.

error: Content is protected !!
Exit mobile version