मरीज तड़पता रहा और स्टाफ बर्थडे पार्टी में मशगूल… इलाज करने से किया मना; VIDEO वायरल
दुर्ग । छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिला अस्पताल में भले ही वहां का स्टॉफ देर से ड्यूटी आ जाए, लेकिन 5 मिनट देर तक काम नहीं कर सकता। भले ही बाहर तड़प रहे मरीज की मौत क्यों ना हो जाए। ऐसा ही एक वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है। जिला अस्पताल में एक मरीज बुखार से तड़प रहा था, लेकिन वहां के स्टाफ ने ओपीडी टाइम खत्म हो जाने के चलते न तो उसका इलाज किया और न ही दवा दी। ये वीडियो खुद मरीज के परिजनों ने बनाया है, जो अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही को दर्शा रहा है।
अस्पताल में यह कैसी असंवेदनशीलता
वीडियो में स्पष्ट दिख रहा है कि ओपीडी में एक महिला स्टाफ बैठी है। उसके सामने ही बाहर एक मरीज स्ट्रेचर पर तड़प रहा है, लेकिन वो ये कहकर इलाज करने से मना कर दे रही है कि ओपीडी का टाइम खत्म हो गया है। आप थोड़ी देर रुककर इमरजेंसी में मरीज का इलाज करवा लो। इतना ही नहीं जब परिजन ने कुछ दवा देने के लिए कहा तो महिला स्टॉफ ने कहा कि उसने दवा लिख दी है, काउंटर से ले लो। जब मरीज दवा के काउंटर में पहुंचा तो उसने दवा मांगी। वहां एक स्टॉफ मौजूद था, लेकिन उसने दवा देने से ही मना कर दिया। परिजन ने बताया भी कि मरीज की हालत गंभीर है। उसे काफी तेज बुखार है, लेकिन स्टॉफ ने कहा कि दूसरे काउंटर से दवा ले लें उनका टाइम खत्म हो गया है।
दवा देने का टाइम नहीं और केक काटकर मना रहे थे बर्थडे
मरीज के परिजन ने जो वीडियो बनाया है उसमें साफ दिखाई दे रहा है कि ड्यूटी खत्म होने की बात कहकर दवा ना देने वाले कर्मचारी ट्रामा यूनिट में अपने एक सहकर्मी का बर्थडे मना रहे हैं। वो केक काट रहे हैं, लेकिन दो मिनट का समय निकालकर मरीज को बुखार की दवा नहीं दे सकते हैं।
ड्यूटी डॉक्टर ने घायलों का नहीं किया इलाज
इसी दौरान वहां 108 एंबुलेंस दो घायल पहुंचे। एक का सिर फटा हुआ था और दूसरे के शरीर में काफी चोटें आई थी। एंबुलेंस कर्मचारी ने उनका इलाज जल्दी करने की बात कही, लेकिन बर्थडे पार्टी में व्यस्त डॉक्टर और सहकर्मी ने उसका इलाज नहीं किया। जब उनकी बर्थडे पार्टी खत्म हो गई तो काफी देर बाद घायलों का इलाज किया गया।
मरीज के परिजनों ने घटना के दौरान सिविल सर्जन डॉ. हेमंत कुमार साहू को पूरी जानकारी देनी चाही तो उन्होंने कलेक्टर मीटिंग में होने की बात कहकर आरएमओ से शिकायत करने की बात कही। इसके बाद अब तक इस मामले में उनके द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई। सिविल सर्जन का कहना है कि उन्हें पूरी जानकारी नहीं थी। वो इसकी जानकारी लेकर कार्रवाई करेंगे।