राज्य सरकार ने बर्बाद की प्रदेश की सड़कें, पाटन को ही मान बैठे पूरा छत्तीसगढ़ : डॉ रमन सिंह
पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने प्रदेश की सड़कों की हालत को लेकर राज्य सरकार पर जमकर साधा निशाना
रायपुर। छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने की सड़कों की हालत को लेकर राज्य सरकार पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने कांग्रेस सरकार पर सड़कों को बर्बाद करने का आरोप लगाया है। आज मीडिया से बात करते हुए डॉ रमन सिंह ने कहा कि, आज पूरे प्रदेश में सड़कों की जो हालत है, उसे जनता अपनी आंखों से देख रही है। आवागमन की सुविधा को भूपेश बघेल की सरकार ने पूरी तरह से बर्बाद करके रख दिया है और जनता लबरा के डबरा कहने पर मजबूर है।
आज हालत यह है कि मुख्यमंत्री बघेल भी अपनी भेंट मुलाकात के लिए हेलीकॉप्टर पर निर्भर हैं, उनके पास भी सड़कों पर चलने का साहस नहीं है क्योंकि वो यह बात जानते हैं कि पिछले 4 सालों में नई सड़क बनाना तो दूर उन्होंने पुरानी सड़कों का प्रबंधन भी ठीक से नहीं किया है।पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि, 2018 तक हमारी सरकार ने प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना अंतर्गत 13250 किमी सड़क निर्माण किया और 1 हजार 155 सड़कें बनाई हैं लेकिन पिछले 4 साल में भुपेश बघेल ने इस योजना में कितना कार्य किया है? मुख्यमंत्री ग्राम गौरव पथ योजना में 6 हजार 211 गौरव पथ निर्माण, मल्टीलेन सड़क की लंबाई 31 किमी से 30 गुना बढ़ाकर 934 किमी की गई।हमारी सरकार ने 2 लेन सड़क की लंबाई 1 हजार 251 किमी से 5 गुना बढ़ाकर 6 हजार 271 किमी की, हमने प्रदेश के 124 ब्लॉक मुख्यालय 7 मीटर चौड़ी सड़क से जोड़े। इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि 2018-19 में हमारे सरकार के अंतिम बजट में लोक निर्माण विभाग को प्रदेश में विकास के लिए 7 हजार 187 करोड़ का बजट दिया गया वहीं यदि आप 4 वर्षों की कांग्रेस सरकार के बाद इनका बजट देखें तो 2022-23 में लोक निर्माण विभाग का बजट घटकर 6 हजार 634 करोड़ कर दिया गया है।
पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने कहा कि, यहीं हाल राज्य सड़कों के बजट का है। सड़कों को बना देने से काम नहीं चलता है, उसकी मरम्मत और रखरखाव करना होता है। 2018 में सड़कों के डामरीकरण के लिए हमारी सरकार ने 28 करोड़ दिए और भूपेश सरकार ने 4 सालों में सिर्फ 13 करोड़ दिए। सड़कों के नवीनिकरण के लिए भाजपा सरकार ने 2018 में 520 करोड रूपये विभाग को दिए. कांग्रेस सरकार ने 3 वर्षों में इसे एक चौथाई कर दिया और 2022-23 में केवल 138 करोड़ का प्रावधान किया। यहीं हाल ग्रामीण सड़को की मरम्मत का है, हमारी सरकार ने 2018-19 में ग्रामीण सड़कों के संधारण के लिए 436 करोड़ का प्रावाधान किया था वहीं कांग्रेस सरकार ने इसे 3 वर्षों में 125 करोड़ कर दिया। 15 वर्षों में छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी की सरकार रही. इस डेढ़ दशक में हमारी सरकार ने पूरे प्रदेश में 60 हजार किमी सड़कों का जाल बिछाया और सुदूर अंचलों को भी सड़क मार्ग से जोड़कर मुख्यधारा में शामिल किया लेकिन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के लिए सिर्फ एक विधानसभा क्षेत्र ही उनकी प्राथमिकता है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जनता के सामने आकर जवाब दें कि उन्होंने पाटन की तुलना में किस विधानसभा में सड़क के लिए बजट दिया है? क्या भूपेश बघेल पाटन को ही पूरा छत्तीसगढ़ मान बैठे हैं? क्या वस्तर और सरगुजा के आदिवासी भाइयों को सड़क की जरूरत नहीं है?
बस्तर संभाग की 12 विधानसभाओं हेतु वर्ष 2019 से वर्ष 2022 तक बजट कार्य, मेंटेनेंस कार्य एवं मुख्यमंत्री सुगम सड़क योजना के तहत सरकार द्वारा लगभग 1300 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया, वहीं सरगुजा संभाग के 14 विधानसभाओं के लिए लगभग 1730 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया लेकिन आपको जानकर आश्चर्य होगा कि प्रदेश की सिर्फ एक विधानसभा जिसका नाम पाटन है उसके लिए पिछले 4 वर्षो में बजटेड कार्य, मेंटेनेंस कार्य एवं मुख्यमंत्री सुगम सड़क योजना के लिए 1750 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया। यह है भूपेश बघेल जी के विकास की सोच कि, बस्तर संभाग और सरगुजा संभाग एक तरफ और पाटन विधानसभा एक तरफ । भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ की यह हालत कर दी है कि आज बरसात के बाद सड़कें कीचड़ में बदल जा रही हैं। आवागमन ठप्प हो रहा है, प्रदेश की व्यवस्था प्रभावित हो रही है इस पूरे मामले में कौन जिम्मेदार है? 4 वर्षो तक सत्ता में रहते हुए आखिर भूपेश बघेल ने कितनी नई सड़कें बनाई हैं, कितनी सड़कों का संधारण किया ? अगर भूपेश बघेल ने सड़कें बनाई होती तो उन्हें हेलीकॉप्टर से डांट मुलाकात करने की जरूरत नहीं पड़ती बल्कि वो सड़क पर चलते हुए लोगों से मुलाकात करते लेकिन आज हालत यह है कि वो जहां कहीं जमीन पर दिखाई दे जाते हैं वहां जनता उनके सामने सड़क की मांग लिए खड़ी होती है और मुख्यमंत्री बघेल अपना मुंह छिपा कर हेलीकॉप्टर से निकल जाते हैंआज प्रदेश में सड़कों की जो हालत है उसे कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व भी स्वीकार कर रहा है, राष्ट्रीय कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा में राहुल गांधी कांग्रेस की सरकार होने के बाद भी छत्तीसगढ क्यों नहीं आ रहे हैं। क्योंकि राहुल गांधी यह बात जानते हैं कि छत्तीसगढ़ की सड़कों की क्या दशा है। इसीलिए उन्होंने छत्तीसगढ़ को भारत जोड़ो यात्रा से अलग रखा है।