November 9, 2024

जो मोदी के लिए काम करते हैं वो अब राज्यपाल हैं, जस्टिस नजीर की नियुक्ति पर कांग्रेस का वार

नईदिल्ली । भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के चार नेताओं और 2019 में ऐतिहासिक अयोध्या फैसला सुनाने वाली पीठ के सदस्य रहे सुप्रीम कोर्ट के रियाटर जज एस अब्दुल नजीर सहित छह नए चेहरों को रविवार को राज्यपाल नियुक्त किया गया है औऱ और सात राज्यों में राज्यपाल पदों में फेरबदल किया गया है. अब इस मामले पर हंगामा मच गया है. कांग्रेस इस फैसले की जमकर आलोचना कर रही है. कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने कहा कि जो मोदी के लिए काम करते हैं, वे अब राज्यपाल हैं. कांग्रेस सांसद ने ट्वीट किया, “मोदी अडानी के लिए काम करते हैं…जो मोदी के लिए काम करते हैं, वे अब राज्यपाल हैं. फिर लोगों के लिए काम कौन करता है? भारत माता की जय.”

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने भी नियुक्तियों का जिक्र किए बगैर दिवंगत अरुण जेटली के वीडियो वाले ट्वीट को शेयर किया. जेटली ने 2012 के उस वीडियो में कहा था, “रिटायरमेंट से पहले के रिटायरमेंट के बाद की नौकरियों से प्रभावित होते हैं.” जयराम रमेश ने ट्वीट किया, “निश्चित रूप से पिछले 3-4 सालों में इसके पर्याप्त सबूत हैं.” जस्टिस नजीर चार जनवरी को रिटायर हुए थे. वह राजनीतिक रूप से संवदेनशील अयोध्या भूमि विवाद, तीन तलाक और निजता के अधिकार को मौलिक अधिकार घोषित करने वाले कई बड़े फैसलों के हिस्सा रहे.

17 फरवरी, 2017 को सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप में पदोन्नत किए गए जस्टिस नजीर कई संविधान पीठों का हिस्सा रहे, जिन्होंने 2016 में 1,000 रुपये और 500 रुपये के नोट चलन से बाहर किए जाने से लेकर सरकारी नौकरियों और दाखिलों में मराठों के लिए आरक्षण और उच्च सरकारी अधिकारियों की भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार तक कई मामलों पर फैसले सुनाए.

वह पांच-न्यायाधीशों की उस संविधान पीठ का हिस्सा थे, जिसने नवंबर 2019 में अयोध्या में विवादित स्थल पर राम मंदिर के निर्माण का रास्ता साफ किया था और केंद्र को एक मस्जिद के लिए सुन्नी वक्फ बोर्ड को पांच एकड़ का भूखंड आवंटित करने का निर्देश दिया था.

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