November 8, 2024

CG : बाघ की मौत, गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान में मिला शव, वन विभाग के दावे फेल

कोरिया। छत्तीसगढ़ में हाथी के बाद बाघ की मौत ने जंगल महकमें में हड़कंप मचा दिया हैं। गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान अंतर्गत जिले में सोनहत वन परिक्षेत्र के देवसील कटवार के समीप नदी किनारे एक बाघ का शव मिलने से हड़कंप मच गया है. इसकी सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची है और जांच पड़तल कर रही है. हालांकि, अभी बाघ के मौत की वजह का खुलासा नहीं हुआ है.

बाघ की मौत से सवालों के घेरे में वन विभाग : सोनहत वन परिक्षेत्र में लगातार बाघ के विचरण की खबरें मिल रही थीं. बताया जा रहा था कि बाघ ने कई मवेशियों को अपना शिकार बनाया था. इसे ध्यान में रखते हुए वन विभाग की ओर से क्षेत्र के लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई थी और बाघ के गतिविधियों पर नजर रखी जा रही थी. इस बीच वन विभाग के तमाम दावे तब फेल हो गए, जब बाघ का शव देवसील कटवार के समीप नदी किनारे मिला.

वन विभाग के दावों की खुली पोल : वन्य जीवों के संरक्षण के लिए वन विभाग बड़े-बड़े दावे करता है, लेकिन इस बाघ की मौत से उनके इन दावों की पोल खुल गई है. आखिरकार वन विभाग बाघ की सुरक्षा करने में नाकाम क्यों रहा? निगरानी के बावजूद बाघ की मौत कैसे हो गई? ऐसे तमाम सवाल बाघ की मौत से उठ रहे हैं.

स्थानीय अधिकारियों के अनुसार, इलाके में मौजूद बाघ की मौत कैसे हुई यह पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही स्प्ष्ट होगा। वहीं, विगत तीन वर्ष पहले इसी इलाके में ग्रामीणों ने जहर देकर एक बाघ को मार दिया था, जिससे जहरखुरानी की संभावना भी जताई जा रही है। वन सीमा से नदारद रहने वाले जिम्मेदार अधिकारी इस घटना के बाद मोबाइल बंद कर कुछ भी कहने से बचते नजर आ रहे। वहीं, पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ भी जानकारी उपलब्ध कराने की बात कह रहें। जबकि जून 2022 में कोरिया जिले के गुरुघासीदास राष्ट्रीय उद्यान के रामगढ़ रेंज में सलगवांखुर्द में बाघ का शव मिला था। इस घटना के बाद जिले से लेकर प्रदेश के अफसरों में हड़कंप मच गया था। वहीं, गुरुघासीदास नेशनल पार्क, छत्तीसगढ़ में स्थित है. इसका प्रमुख हिस्सा 1,440 वर्ग किलोमीटर का है।

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