ट्रैक्टर परेड हिंसा : अब तक 22 FIR दर्ज, उपद्रवियों की पहचान में जुटी पुलिस
नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस ने राष्ट्रीय राजधानी में किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के संबंध में अभी तक 22 प्राथमिकियां दर्ज की हैं. हिंसा में 100 से अधिक पुलिस कर्मी घायल हो गए थे. दिल्ली पुलिस ने कहा कि हिंसक प्रदर्शनकारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी, जिन्होंने न केवल पुलिस के साथ पारस्परिक रूप से सहमत दिशा-निर्देशों का उल्लंघन किया, बल्कि किसान आंदोलन की आड़ में दिल्ली की सड़कों पर उग्रता दिखाई और संपत्तियों को क्षतिग्रस्त किया. आंदोलनकारी किसानों के इस व्यवहार से ड्यूटी पर गए पुलिसकर्मियों का जीवन भी खतरे में पड़ गया.
दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि ट्रैक्टर रैली में हिंसा को लेकर पांडव नगर, गाजीपुर, सीमापुरी, कोतवाली, उत्तम नगर, नजफगढ़ और बाबा हरीदास नगर थाने में उपद्रवी किसानों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है.
इनमें सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाना, सरकारी काम में बाधा डालना और पुलिसकर्मियों पर जानलेवा हमले जैसी धाराएं शामिल हैं. किसानों द्वारा मंगलवार को दिल्ली के विभिन्न इलाकों में 88 बैरिकेड, चार क्रेन, 8 डीटीसी बस और 17 निजी वाहन तोड़े गए हैं. द्वारका जिले में ही 30 पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हुए हैं.
दिल्ली पुलिस ने एक बयान में कहा कि पुलिस ने पेशेवर तरीके से कार्रवाई की और दिशा-निर्देशों का पालन किया, लेकिन प्रदर्शनकारी किसानों ने निर्धारित समय से पहले ट्रैक्टर रैली निकाली, जिससे राजधानी में कानून और व्यवस्था की गंभीर स्थिति पैदा हो गई.
दिल्ली पुलिस के ज्वाइंट सीपी आलोक कुमार ने कहा कि कानून के अनुसार, सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों और दिल्ली पुलिसकर्मियों को घायल करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी. कुछ ने पुलिसकर्मियों पर अपने ट्रैक्टर चढ़ाने की भी कोशिश की. दिल्ली पुलिस ने प्रदर्शनकारियों से भी हिंसा को रोकने और निर्धारित मार्गो पर जल्द से जल्द लौटने की अपील की थी.
इस बीच, दिल्ली पुलिस ने कुछ प्रदर्शनकारियों के दावे का खंडन करने के लिए एक वीडियो फुटेज भी जारी किया है, जिसके तहत किसानों ने कहा कि आईटीओ में पुलिस द्वारा कथित तौर पर एक व्यक्ति को गोली मार दी गई थी. वीडियो के माध्यम से पुलिस ने दावा किया कि तेज रफ्तार ट्रैक्टर आईटीओ के पास डीडीयू मार्ग पर पलट गया, जिससे उसकी मौत हो गई.
आईटीओ में पुलिस और प्रदर्शनकारी किसानों के बीच झड़पें देखी गईं, क्योंकि किसानों के एक वर्ग ने शहर के दिल में दिल्ली पुलिस द्वारा की गई सुरक्षा व्यवस्था को तोड़ने की कोशिश की. बाद में अतिरिक्त अर्धसैनिक बलों को राजधानी में तैनात किया गया.