दिया तले अँधेरा : जिला अस्पताल के बाहर एंबुलेंस में तड़पती रही गर्भवती महिला, 2 घंटे बाद हो गई मौत
रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में चिकित्सा व्यवस्था को लेकर आज बड़ा सवाल खड़ा हो गया हैं। राजधानी स्थित जिला अस्पताल के बाहर एंबुलेंस में एक गर्भवती महिला की मौत हो गई। एक गरीब गर्भवती महिला दर्द से तड़प-तड़पकर मर गईं। परिजन डॉक्टरों से लगातार भर्ती करने की विनती कर रहे थे, लेकिन किसी ने एक नहीं सुनी। डॉक्टरों का जवाब था कि बेड नहीं है। अभी डिलीवरी चल रही है। और अंततः 2 घंटे में ही मौत हो गई। दिया तले अन्धेरा इसी को कहते हैं।
एंबुलेंस के कर्मचारी ने बताया कि हॉस्पिटल पहुंचने के बाद महिला डेढ़ से दो घंटे तक ऑक्सीजन में थी। एक घंटा पहले डॉक्टर ने एंबुलेंस में चेक किया, फिर चले गए. इसके बाद मौत घोषित कर दिया। एंबुलेंस स्टाफ़ का कहना है कि गर्भवती महिला को ऑक्सीजन देकर हॉस्पिटल लाया गे। हॉस्पिटल से हमें कहा गया कि अंदर सीट ख़ाली नहीं हैं। डिलिवरी का काम जारी है. परिजनों ने रोते हुए बताया कि समय रहते इलाज मिल जाता तो मौत नहीं होती। इस मौत के लिए ज़िम्मेदार हॉस्पिटल के लोग है. सरकारी अव्यवस्था है, जिसने समुचित प्रबंध नहीं किया।
जानकारी के मुताबिक़ ग्राम भिंभौरी निवासी कौशल साहू की गर्भवती पत्नी आरती साहू (24) को भारी दर्द हुआ। वह दर्द से तड़प रही थी और स्थिति बहुत ख़राब होने लगी थी। बकौल कौशल साहू- एंबुलेंस स्टाफ़ ने ऑक्सीजन दिया और जिला अस्पताल लेकर पहुंचे। इसके बाद एक डॉक्टर देखने आई और फिर चली गई. लगभग डेढ़ से दो घंटा हॉस्पिटल के बाहर गेट नंबर टू में एम्बुलेंस में मेरी पत्नी और मेरी सास रही। बोलते रहे कि इनको हॉस्पिटल में लेकर चले लेकिन किसी ने एक नहीं सुनी. और मौत हो गई।
इस सम्बन्ध में जिला अस्पताल अधीक्षक डॉक्टर रवि तिवारी का कहना है कि लापरवाही हुई है. इस पर जांच कर आगे कार्रवाई करेंगे फ़िलहाल ये पता करना ज़रूरी है कि हॉस्पिटल पहुंचने के बाद दो घंटे तक महिला एम्बुलेंस में कैसे रही ? इसके लिए कौन ज़िम्मेदार है ? इस मामले की जाँच की जाएगी. जो भी दोषी होगा उसको छोड़ा नहीं जाएगा और लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी। अधीक्षक ने कहा कि यह मेरे लिए दुर्भाग्य की बात है. जो घटना घटी है वह स्त्री रोग विशेषज्ञ विभाग की है, जो मेकाहारा से यहां शिफ़्ट किया गया है. इस मामले में मैं उच्च अधिकारियों से कार्रवाई की मांग करूँगा।