November 23, 2024

वीसी को आया हार्ट अटैक, अस्पताल पहुंचाने के लिए जज की कार लेकर भागे छात्र, अब नहीं मिल रही जमानत…

ग्वालियर। मध्य प्रदेश के ग्वालियर से एक अजीब मामला सामने आया है। यहां ट्रेन में एक वाइस चांसलर को अचानक हार्ट अटैक आ गया। ये देख कुछ छात्रों ने उनकी जिंदगी बचाने के लिए मानव धर्म निभाया। लेकिन जान बचाना छात्रों को इतना महंगा पड़ गया कि उन्हें जेल की हवा खानी पड़ी। दरअसल, वीसी को अस्पताल ले जाने के लिए छात्रों ने जल्दबाजी में एक कार का उपयोग कर लिया और बाद में पता चला कि वह गाड़ी हाईकोर्ट के जज की थी। बताया जा रहा है कि यह छात्र अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के हैं जिन पर लूट का मामला दर्ज हो गया है और उन्हें जेल भेज दिया गया।

आधे घंटे तक एंबुलेंस का इंतजार करते रहे छात्र
छात्रों के वकील भानु प्रताप सिंह चौहान का कहना है कि हम परिस्थितियों से अवगत कराती हुई एक याचिका हाईकोर्ट में लगाएंगे। दरअसल, दो दिन पहले दिल्ली में एबीवीपी के राष्ट्रीय अधिवेशन से कुछ छात्र ट्रेन में बैठकर ग्वालियर आ रहे थे। इस दौरान एक यात्री की अचानक तबियत बिगड़ जाती है। बाद में पता चला कि वह व्यक्ति एक विश्वविद्यालय का वाइस चांसलर था। छात्रों ने उसे बचाने के लिए ग्वालियर पहुंचने से पहले मुरैना से ही स्टेशन के अधिकारी और एंबुलेंस को सूचना दे दी, लेकिन ग्वालियर पहुंचने के बाद भी कोई मदद नहीं मिली। स्टेशन पर उतरने के बाद भी छात्र लगभग 25 मिनट तक एंबुलेंस का इंतजार करते रहे। एंबुलेंस नहीं आई तो छात्र हिमांशु श्रोत्री और सुकृत शर्मा ने पोर्च में खड़ी एक कार में प्रोफेसर रणजीत सिंह को लिटाया और अस्पताल की ओर दौड़ पड़े।

जेल में बंद छात्रों को नहीं मिल रही जमानत
हालांकि इस दौरान एंबुलेंस पहुंच भी गई, लेकिन तब तक छात्र वाइस चांसलर को गाड़ी में लिटा चुके थे। इसके बाद गाड़ी पर मौजूद ड्राइवर ने पड़ाव थाने में शिकायत दर्ज कराई कि जबरदस्ती छात्रों ने गाड़ी छीन ली और लूट कर ले गए। छात्रों को बाद में पता चला कि वह गाड़ी एक जज साहब की थी, इसके बाद पुलिस ने लूट का मामला दर्ज कर छात्रों को गिरफ्तार कर लिया और कोर्ट ने जेल भेज दिया है। लेकिन जब छात्रों की जमानत के लिए सेशन कोर्ट में आवेदन दिया गया तो कोर्ट ने यह कहकर जमानत याचिका खारिज कर दी की किसी की मदद बलपूर्वक नहीं ले सकते। उधर जेल में छात्रों की तबीयत बिगड़ गई। उन्हें ग्वालियर के जयारोग्य अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराया गया है। अब छात्रों को जेल से छुड़ाने के लिए हाईकोर्ट में जमानत आवेदन लगाया गया है।

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