April 26, 2024

VIDEO : छत्तीसगढ़ के फसलों पर भी धावा बोल सकता है टिड्डियों का दल, प्रशासन ने किया अलर्ट

रायपुर । देश में फसलों को बेतहाशा नुकसान पहुंचाने वाले टिड्डी दल (लोकस्ट स्वार्म) का प्रकोप राजस्थान होते हुए महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश राज्य तक पहुंच गया है। सीमावर्ती क्षेत्र होने के कारण यह हमारे प्रदेश और जिले में भी प्रवेश कर सकते है।  केन्द्रीय एकीकृत नाशीजीव प्रबंधन केन्द्र के सहायक निर्देशक ने सीमावर्ती जिले के कृषि अधिकारीयों कर्मचारियों एवं किसानों को सचेत रहने कहा है। खासकर राजनांदगांव,बालोद,कवर्धा सहित संभाग के कुछ जिलों में इसका ख़तरा मंडरा रहा हैं। राजस्थान के जयपुर से इन टिड्डियों दल का एक भयावह विडिओ आया हैं आप भी देखिये। 

भारत के कुछ राज्यो में टिड्डी दल ने धावा बोल दिया है। फसलों को बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचाया जा रहा है। छत्तीसगढ़ के भी कुछ जिलों में किसानों को एलर्ट किया गया है।

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जानकारी के मुताबिक़ टिड्डी दल सायंकाल 6-9 बजे खेतों में झुड़ में रहते है, इनकी गति 80-150 किलोमीटर प्रतिदिन होती है।  तदनुसार कृषकों,ग्रामीणों कृषि विस्तार अधिकारी के माध्यम से तत्काल जानकारी प्राप्त करके नियंत्रण के लिए कृषि विभाग द्वारा पूर्ण तैयारी कर ली गई है।  इसके रोकथाम के लिए जिले के प्राइवेट डीलर्स के यहाँ प्रभावशील अनुसंशित दवाइयां पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। 

टिड्डी दल

राजस्थान में टिड्डी दल का फसलों पर हमला हुआ है। जयपुर का एक दृश्य देंखिये कितना …इसको लेकर छ्त्तीसगढ़ के सीमावर्ती जिलों में भी अलर्ट है।

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कृषि विभाग के विषेशज्ञों के मुताबिक़ किसान डेजर्ट एरिया के लिए कीटनाशक मैलाथियोन, फेनवलरेट, क्विनालफोस, फसलों एवं अन्य वृक्षों के लिए क्लोरोपायरीफोस, डेल्टामेथ्रिन, डिफ्लूबेनजुरान, फिप्रोनिल, लेमडासाइहेलोथ्रिन कीटनाशक का प्रयोग कर सकते है। 

वैज्ञानिकों के मुताबिक किसान टिड्डी दल से बचने के लिए कई उपाय अपना सकते है।  फसल के अलावा, टिड्डी किट जहां इक्कठा हो, वह उसे फ्लेमथ्रोअर (आग के गोले) से जला दे।  टिड्डी दल आकाश में 500 फुट पर उड़ान भरता है।  कुछ टिड्डी नीचे भी उतरती है उसी समय भगाने के लिए थालियां, ढोल, नगाड़े, लाउड स्पीकर या दूसरी चीजों के माध्यम से शोरगुल मचाएं जिससे फसलों को बचाया जा सकता है।  टीड्डों ने जिस स्थान पर अपने अंडे हों, वह 25 कि.ग्रा., 5 प्रतिशत मेलाथियान या 1.5 प्रतिशत क्वीनालफॉक्स को मिला कर प्रति हेक्टेयर छिड़के ,टिड्डी दल को आगे बढ़ने से रोकने के लिए 100 कि.ग्रा. की धान की भूसी को 0.5 किलोग्राम फेनीट्रोथीयोन और 5 कि.ग्रा. गुड़ के साथ मिलाकर खेत में डाल दे। 

टिड्डी दल के खेत में बैठने पर 5 प्रतिशत मेलाथियान या 1.5 प्रतिशत क्वीनालफॉक्स का छिड़काव करे।  कीट की रोकथाम के लिए 50 प्रतिशत ई.सी. फेनीट्रोथीयोन या मेलाथियान और 20 प्रतिशत ई.सी. क्लोरपाइरिफोस 1 लीटर दवा को 800 से 1000 लीटर पानी में मिला कर प्रति हेक्टेयर के क्षेत्र में छिड़काव करें, टिड्डी दल सवेरे 10 बजे के बाद ही अपना डेरा बदलता है। इसलिए ,इसे आगे बढ़ने से रोकने के लिए लिए 5 प्रतिशत मेलाथियोंन या 1.5 प्रतिशत क्वीनालफॉक्स घोलकर छिड़काव करें, 40 मिली लीटर नीम के तेल को कपड़े धोने के पाउडर के साथ या 20-40 मिली नीम से तैयार कीटनाशक को 10 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करने से टिड्डे फसलों को नहीं खा पाते। फसल कट जाने के बाद खेत की गहरी जुताई करे। इससें इनके अंडे नष्ट हो जाते है। 

सबसे बड़ी चिंता का विषय यह है की जब तक कृषि विभाग का टिड्डी उन्मूलन विभाग, टिड्डी दल प्रभावित स्थल पर पहुँचता है।  तब तक ये अपना ठिकाना बदल चुका होता है।  ऐसे में किसान सावधान रहे की टिड्डी दल से संबंधित पर्याप्त जानकारी और उससे संबंधित रोकथाम के उपायों को मात्र अमल में लाना ही एक मंत्र विकल्प है। 

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