November 14, 2024

शिक्षक की मौत पर कौन सी भावना है, अधिकारियों को ये स्पष्ट करना चाहिये : छग सहायक शिक्षक फेडरेशन

रायपुर । कोरोना की वजह से पढ़ाई के सिस्टम में हुए बदलाव पर अब शिक्षक संगठन और विभाग आमने-सामने आते दिख रहे हैं। कई शिक्षक संगठनोें ने वैकल्पिक पढ़ाई व्यवस्था को अव्यावहारिक बताते हुए इसका विरोध शुरू कर दिया है। सहायक शिक्षक फेडरेशन के प्रांतीय अध्यक्ष मनीष मिश्रा ने कहा है कि हम पढ़ाई के विरोधी नहीं है, लेकिन पढ़ाई को लेकर व्यवस्थाएं बनायी जा रहीहै, वो संभव नहीं है। शिक्षकों से जिस तरह की व्यवस्था बनाने के लिए कहा गया है, वो गांवों में संभव नहीं है। लाउडस्पीकर के जरिये पढ़ाई की बात तो कही जा रही है, लेकिन उसके लिए ना स्थान मिल रहा है और ना ही अभिभावक तैयार हो रहा है। एक-दो स्थानों पर सफल होने के आधार पर पूरे प्रदेश में इसे लागू करना बिल्कुल गलत है। 

मनीष मिश्रा ने कहा कि लाउडस्पीकर कक्षा, ब्लूटूथ, मोहल्ला और गांव की गलीयो में, पंचायत भवनों में पढ़ाई का कार्य करवाया जा रहा है। इन व्यवस्था में शिक्षकों की सुरक्षा व स्वास्थ्य से खिलवाड़ होने व शिक्षकों के हितों से खिलवाड़ बताते हुए उसके विरोध का फैसला लिया है। प्रांताध्यक्ष मनीष मिश्रा ने यह प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि छत्तीसगढ़ सहायक शिक्षक फेडरेशन की प्रांतीय कार्यकारणी यह मानती है कि विभाग के  वरिष्ठ अधिकारी अपने पद व रुतबे का दुरुपयोग कर शिक्षक को डरा रहे है। विभाग के वरिष्ठ अधिकारी अपने सपनो को पूरा करने के लिए शिक्षकों के प्रति अच्छी भावना और बुरी भावना  की बात रहे है। शिक्षको की मौत पर  कौन सी भावना है .. अधिकारियों को ये स्पष्ट करना चाहिये।मनीष मिश्रा कहते है कि नवाचार के नाम पर हो रहे प्रयोग जमीनी स्तर पर मौजदा कोरोना संक्रमण को देखते हुए छात्र शिक्षक व राज्य हित में अव्यवहारिक है। पढ़ाई तुंहर पारा ,लाउडस्पीकर कक्षा, बुलटू के बोल,मिस्ड कॉल गुरुजी आदि सब शासन के द्वारा आदेश जारी नहीं किया गया है, सिर्फ निर्देश है।  सबसे महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि इस कार्य के लिए उच्च अधिकारियों द्वारा बताया जा रहा है कि शिक्षक द्वारा स्वयं होकर यह कार्य किया जा रहा है परंतु हकीकत में नीचे बैठे अधिकारियों द्वारा शिक्षकों से दबाव पूर्वक यह कार्य करने को विवश किया जा रहा है ।
छत्तीसगढ़ सहायक शिक्षक फेडरेशन माननीय मुख्यमंत्री जी व शिक्षा मंत्री जी से अनुरोध है कि उच्च पदों पर बैठे अधिकारियों के अव्यावहारिक प्रयोग पर तत्काल रोक लगावे।  बच्चों के अध्ययन अध्यापन की व्यवस्था टीवी, रेडियो के माध्यम से चलाने व पाठ्यक्रम को छोटा करने पर जल्द निर्णय ले। इसके आलवा कोरोना से मृत शिक्षक के परिजनों को तत्काल अनुकंपा नियुक्ति और एक करोड़ रुपए की अनुग्रह राशि त्वरित उपलब्ध कराया जाने एवं छत्तीसगढ़ में कोरोना कार्य में लगे सभी शिक्षकों का अनिवार्य रूप से 50 लाख की बीमा कवर करने देने की मांग किया गया है।प्रदेश उपाध्यक्ष शिव मिश्रा, सुखनंदन यादव, अजय गुप्ता, सी डी भट्ट, बलराम यादव, दिलीप पटेल, कौशल अवस्थी,  प्रेमलता शर्मा, रवि लोहसिह, उमा पांडेय, अस्वनी कुर्रे, रंजीत बनर्जी, शिव सारथी, बसन्त कौशिक, हुलेश चन्द्राकर, चन्द्रप्रकाश तिवारी, राजकुमार यादव, जलज थवाईत, छोटे लाल साहू, आदित्य साहू, बी पी मेश्राम, राजेश प्रधान, बनमोती भोई, इंदु यादव,  दुर्गा वर्मा, तरुण वैष्णव, नोहर चन्द्रा, महेश कुमार सेठी, मनोज कुमार, दीप्ति बिसेन, गायत्री साहू, शैलेश कुमार, सहित समस्त पदाधिकारियों ने राज्य सरकार से शिक्षा विभाग के अफसरों द्वारा पढ़ाई के नाम पर किये जा रहे प्रयोग को तत्काल रोक लगाने की मांग की है। 

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