November 14, 2024

जब कलेक्टर ने अपनी बिटिया के बर्थडे पर दिया न्योता भोज, कलेक्टर-एसपी ने ही परोसकर बच्चों को खिलाया

रायपुर। राजधानी रायपुर के इंद्रप्रस्थ कॉलोनी डिपरापारा के शासकीय प्राथमिक शाला के बच्चों के चेहरे खिल उठे, वे मध्यान्ह भोजन के समय पेस्ट्री, गुलाब जामुन, के साथ पूड़ी-सब्जी जैसे अन्य व्यंजन ग्रहण कर रहे थे। यह अवसर न्योता भोज का था जो कलेक्टर डॉ गौरव सिंह ने अपनी सुपुत्री आद्या सिंह के जन्मदिवस के अवसर पर स्कूली बच्चों को दिया। बच्चों ने सुश्री आद्या को जन्मदिन की बधाईयां प्रेषित की और कलेक्टर को धन्यवाद दिया।

कलेक्टर डॉ सिंह दोपहर स्वयं मध्यान्ह भोजन के समय इंद्रप्रस्थ कॉलोनी डिपरापारा के शासकीय प्राथमिक शाला पहुंचे और क्रम से बैठे बच्चों को अपने हाथों से पत्तल की थाली लगाई। इसके बाद हर बच्चों के पास बारी-बारी से जाकर उनकी पसंद पूछकर व्यंजन परोसा। भोजन ग्रहण करने से पहले बच्चों ने हाथ जोड़कर मां अन्नपूर्णा को प्रणाम किया फिर बच्चों ने भोजन ग्रहण किया। कलेक्टर के साथ एसपी संतोष सिंह, नगर निगम आयुक्त अबिनाश मिश्रा एवं जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी विश्वदीप सहित अधिकारीगणों ने बच्चों को भोजन परोसा। साथ ही उन्होंने भी भोजन किया।

कलेक्टर डॉ सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के मंशानुरूप हमारा प्रदेश सुपोषित और विकसित हो इसके लिए प्रदेश के स्कूलों में मध्यान्ह भोजन के साथ न्योता भोज का आयोजन कर रहे हैं। आज मेरी सुपुत्री का जन्मदिन है इस अवसर पर हमारे द्वारा बच्चों के साथ आज हमने भी न्योता भोज किया है। उन्होंने कहा कि जब बच्चों के पास समाज के विभिन्न वर्गों के लोग आते हैं, तो बहुत ही खुशी होती है। 17 फरवरी को हमने इसकी शुरूवात की थी और अभी तक ये 40वाँ न्योता भोज जिले में हो रहा है। पिछले 10 से 12 दिनों में हर दिन 2 से 3 न्योता भोज के कार्यक्रम हुए और समाज के सभी वर्गों के लोग शामिल हो रहे हैं। उन्होंने शहर वासियों से आग्रह किया कि उनके जीवन में जब भी कोई महत्वपूर्ण तिथि अवसर हो तो उसे स्कूली बच्चों के साथ सेलीब्रेट करें।

प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना के तहत छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के निर्देश पर यह आयोजन किया जा रहा है।सामुदायिक सहयोग से स्कूली बच्चों के खानपान में पोषण आहार की मात्रा बढ़ाने “न्यौता भोजन’’ की अभिनव पहल की जा रही है। इससे बच्चों को अतिरिक्त पोषण की मात्रा मिलेगी और अपनत्व की भावना भी विकसित होगी।

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