December 21, 2024

अडानी के बाद अब अगला कौन? हिंडनबर्ग की तरह भारतीय कॉरपोरेट जगत में ‘भूकंप’ ला सकती है OCCRP की रिपोर्ट

occrp

नईदिल्ली। अमेरिकी संस्था हिंडनबर्ग द्वारा 24 जनवरी को पेश की गई रिपोर्ट ने इस साल भारतीय कॉरपोरेट जगत में तहलका मचा दिया था। यह रिपोर्ट अडानी समूह पर थी। रिपोर्ट पेश होने के बाद अडानी समूह अचानक बड़ी मुश्किलों में घिर गया और कंपनी के शेयर मात्र एक हफ्ते में तहस नहस हो गए। मानो पूरे शेयर बाजार में भूचाल आ गया था। अब एक बार फिर कुछ ऐसे ही नए भूकंप की पटकथा लिखी जाने लगी है। ऐसा माना जा रहा है कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद अब एक अन्य संगठन देश के कुछ अन्य कॉरपारेट घरानों के बारे में ‘खुलासा’ करने की तैयारी में है।

सूत्रों के अनुसार, आर्गेनाइज्ड क्राइम एंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट (OCCRP -संगठित अपराध और भ्रष्टाचार रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट) देश के कुछ औद्योगिक घरानों के बारे में ‘कुछ खुलासा’ कर सकता है। इस संगठन को जॉर्ज सोरोस और रॉकफेलर ब्रदर्स फंड जैसी इकाइयां वित्तपोषित करती हैं। मामले की जानकारी रखने वाले तीन सूत्रों ने कहा कि स्वयं को एक खोजी रिपोर्टिंग मंच कहने वाला ओसीसीआरपी औद्योगिक घराने के बारे में रिपोर्ट या लेखों की एक श्रृंखला प्रकाशित कर सकता है।

जानिए कौन है OCCRP
OCCRP का गठन यूरोप, अफ्रीका, एशिया और लातिनी अमेरिका में फैले 24 गैर-लाभकारी जांच केंद्रों ने किया है। संगठन को ई-मेल भेजकर सवाल पूछे गये, लेकिन उनकी तरफ से फिलहाल कोई जवाब नहीं आया है। वर्ष 2006 में स्थापित, ओसीसीआरपी संगठित अपराध पर रिपोर्टिंग में विशेषज्ञता का दावा करता है। वह मीडिया घरानों के साथ साझेदारी के जरिये रिपोर्ट, लेखों को प्रकाशित करता है। संगठन की वेबसाइट के अनुसार, जॉर्ज सोरोस की इकाई ओपन सोसायटी फाउंडेशन उसे अनुदान देती है। सोरोस दुनियाभर में बदलावकारी विचारों को आगे बढ़ाने के लिये वित्त उपलब्ध कराने में आगे रहे हैं। जिन अन्य संगठनों से उसे अनुदान मिलता है, उसमें फोर्ड फाउंडेशन, रॉकफेलर ब्रदर्स फंड और ओक फाउंडेशन शामिल हैं।

हिंडनबर्ग की रिपोर्ट ने मचाया था तहलका
हिंडनबर्ग रिसर्च की इस साल 24 जनवरी की रिपोर्ट में अडाणी समूह पर ऑडिट में धोखाधड़ी, शेयर मूल्य में गड़बड़ी करने और कर चोरों के पनाहगाह क्षेत्रों के अनुचित उपयोग का आरोप लगाया गया था। इससे समूह की कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट आई थी। हालांकि अडाणी समूह ने सभी आरोपों को आधारहीन बताते हुए उसे सिरे से खारिज कर दिया था।

विदेशी फंड पर हो सकता है खुलासा
सूत्रों ने कहा कि खुलासे में संबंधित कॉरपोरेट घराने के शेयरों में निवेश करने वालों में विदेशी कोष के शामिल होने की बात हो सकती है। कॉरपोरेट घराने की पहचान फिलहाल नहीं हो पाई है। लेकिन यह कहा जा रहा है कि एजेंसियां ​​पूंजी बाजार पर कड़ी निगरानी रख रही हैं।

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