NCP का बॉस कौन? EC ने शरद पवार और अजित पवार गुट को किया तलब
नईदिल्ली। चुनाव आयोग ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) पर दावा करने को लेकर शरद पवार और अजित पवार गुट को तलब किया है. 6 अक्टूबर को चुनाव आयोग ने दोनों पक्षों को निजी तौर पर आयोग की फुल बेंच के सामने पेश होने का निर्देश जारी किया है. दोनों ही पक्षों की ओर से आयोग के समक्ष सभी दस्तावेज पेश कर दिए गए हैं, जिन्हें आयोग की ओर से तलब किया गया था.
बता दें कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के शरद पवार ने कुछ दिन पहले ही निर्वाचन आयोग को जवाब देते हुए कहा था कि पार्टी में कोई दोफाड़ नहीं है. उन्होंने कहा कि पार्टी में फूट जैसा कोई मामला ही नहीं है. जिन चालीस विधायकों ने पार्टी का साथ छोड़ा है उनको अयोग्य घोषित करने के लिए विधानसभा स्पीकर को बता दिया गया है. यही नहीं इसके बाद से ही सभी बागी विधायकों को पार्टी की कार्यसमिति और अन्य पदों से हटा भी दिया गया है.
बता दें कि अजित पवार गुट ने 30 जून को एनसीपी के नाम, निशान और नियंत्रण को लेकर चुनाव आयोग को सूचित किया था. चुनाव आयोग को जानकारी दी गई थी कि एनसीपी का अध्यक्ष अब बदल दिया गया है और अजित पवार को पार्टी का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है. चुनाव आयोग को एक हलफनामे के जरिए जानकारी दी गई थी कि 30 जून को एनसीपी के सदस्यों की ओर से साइन किए हुए प्रस्ताव के जरिए पार्टी का नया अध्यक्ष चुना गया था. अजित पवार गुट की ओर से जो दस्तावेज सौंपे गए, उसमें विधायी और संगठनात्मक दोनों विंग के सदस्यों के हस्ताक्षर थे. इसके साथ ही चुनाव आयोग को ये भी जानकारी दी गई थी कि प्रफुल्ल पटेल एनसीपी के कार्यकारी अध्यक्ष बने रहेंगे.
2 जुलाई को अजित पवार ने की थी बगावत
बता दें कि 2 जुलाई को एनसीपी नेता अजित पवार महाराष्ट्र की शिंदे सरकार में शामिल हो गए थे. उन्होंने महाराष्ट्र सरकार में शामिल होकर डिप्टी सीएम पद की शपथ ली थी. यही नहीं अजित पवार के साथ ही छगन भुजबल सहित 8 विधायकों ने भी मंत्रीपद की शपथ ली थी. शपथ ग्रहण के बाद अजित पवार ने मीडिया से बात करते हुए कहा था कि उन्हें एनसीपी के सभी लोगों का आशीर्वाद प्राप्त है. अजित पवार के इस कदम के बाद से ही एनसीपी में दो फाड़ हो गया था. कुछ विधायक शरद पवार के साथ चले गए थे और कुछ अजित गुट में शामिल हो गए थे.