अजमल कसाब को फांसी दिलाने वाले उज्जवल निकम कौन हैं?, भाजपा ने दिया लोकसभा का टिकट…
मुंबई। लोकसभा चुनाव 2024 के मद्देनजर भारतीय जनता पार्टी ने वरिष्ठ वकील उज्जवल निकम को मुंबई उत्तर मध्य सीट से अपना उम्मीदवार बनाया है। बता दें कि इस सीट पर पूनम महाजन के स्थान पर पार्टी ने उज्जवल निकम को उम्मीदवार बनाकर सभी को चौंका दिया है। शनिवार को इस बाबत पार्टी ने अधिकारिक घोषणा की। उज्जवल निकम वही शख्स हैं जिन्होंने 26/11 मुंबई आतंकी हमले का केस लड़ा था। हालांकि यह कोई इकलौता केस नहीं है जिसे उज्जवल निकम ने लड़ा है। 1993 बॉम्बे बम धमाका, गुलशन कुमार हत्याकांड, प्रमोद महाजन हत्याकांड, 2008 के मुंबई हमलों में संदिग्धों पर मुकदमा, 2013 मुंबई सामूहिक बलात्कार केस, 2016 कोपार्डी बलात्कार मामला इत्यादि अहम मामलों के केस उन्होंने लड़े हैं।
कौन हैं उज्जवल निकम?
बता दें कि उज्जवल निकम को साल 2016 में भारत सरकार द्वारा पद्मश्री से सम्मानित किया गया था। उन्हें आतंकियों के खिलाफ लड़ाई और उनकी सुरक्षा को लेकर खतरा के मद्देनजर जेड प्लस सुरक्षा मुहैया कराई गई है। उज्जवल निकम महाराष्ट्र के जलगांव के रहने वाले हैं। मराठी परिवार में जन्में निकम के पिता का नाम देवरावजी निकम है। वह न्यायाधीश और बैरिस्टर थे और उनकी मां एक गृहिणी थीं। उन्होंने विज्ञान में ग्रेजुएशन की पढ़ाई की और उसके बाद उन्होंने केसीई से कानून की शिक्षा प्राप्त की। बता दें कि उज्जवल निकम के बेटे अनिकेत भी मुंबई हाईकोर्ट में क्रमिनल वकील हैं।
अजमल कसाब को दिलाई थी फांसी
बता दें कि 26/11 हमले में 160 से अधिक लोग मारे गए थे। इस दौरान पुलिस ने एकमात्र आतंकी हमलावार अजमल कसाब को गिरफ्तार किया था। 6 मई 2010 को कसाब को मौत की सजा सुनाई गई थी। इसके बाद 21 नवंबर 2012 को उसे फांसी दे दी गई थी। इसका मुकदमा भी उज्जवल निकम ने ही लड़ा था। अजमल कसाब को फांसी दिला पाने में उनकी अहम भूमिका रही है। गेटवे ऑफ इंडिया पर साल 2003 में बम धमाके हुए थे। इस केस को भी उज्जवल निकम ने लड़ा था। उन्होंने साल 2009 में तीन लोगों को सुनवाई के दौरान दोषी ठहराया, जिन्हें मौत की सजा सुनाई गई थी। बता दें कि 25 अगस्त 2003 को मुंबई में दो कार बम धमाके हुए थे।