November 15, 2024

सूरत से कांग्रेस उम्मीदवार बीजेपी में होंगे शामिल?,चार दिन बाद भी नीलेश कुंभाणी लापता, अब AAP ने खोला माेर्चा, चुनाव आयोग ने मांगी पूरी रिपोर्ट

अहमदाबाद। गुजरात में सूरत की सीट पर बीजेपी की निर्विरोध जीत के बाद अब कांग्रेस कैंडिडेट नीलेश कुंभाणी की गुमशुदगी तूल पकड़ रही है। कांग्रेस कार्यकर्ताओं में जहां आक्रोश है तो वहीं आम आदमी पार्टी (आप) ने कुंभाणी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। आम आदमी पार्टी की तरफ से सूरत के जिला निर्वाचन अधिकारी को शिकायत देकर फर्जीवाड़े की जांच करके कार्रवाई की मांग की है। आप ने यह शिकायत सूरत के कलेक्टर सौरभ पारघी को सौंपी है। वे जिला निर्वाचन अधिकारी (DEO) भी हैं। उधर, इस मामले के तूल पकड़ने पर गुजरात की चीफ इलेक्शन ऑफिसर (CEO) आईएएस पी भारती ने कहा है कि इस मामले में आरओ से रिपोर्ट मांगी गई हैं। उसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

सूरत मामले में मुख्य निर्वाचन अधिकारी पी भारती का बयान आया सामने निलेश कुंभानी के खिलाफ कलेक्टर के द्वारा रिपोर्ट दिया जाएगा उसके बाद कार्यवाही की जाएगी। Suo Moto लेना है या नहीं उस पर पहले रिपोर्ट आने दीजिए। हमे गंभीरता के आधार पर लगेगा तो हम Suo Moto भी ले सकते है, कई मामले में हमने लिया है। अब तक हमने 19 मामले में Suo Moto लेकर कलेक्टर का रिपोर्ट मंगवाया है।

स्टेट पुलिस नोडल ऑफिसर शमशेर सिंह का भी बयान जिन्होंने सुरक्षा की मांग की उनको दी, बीएसपी प्रत्याशी ने मांगी तो उनको देने गए सुरक्षा लेकिन वो घर पर नहीं मिले, बाकी पुलिस पर लग रहे आरोप गलत, क्राइम ब्रांच कही नही गई। हमारे पास कोई शिकायत आयेगी हम कार्यवाही करेंगे।

चौथी बार चुनाव लड़ रहे थे कुंभाणी?
नीलेश कुंभाणी पाटीदार समुदाय से आने वाले लेऊवा पटेल हैं। वे मूलरूप से सौराष्ट्र के रहने वाले हैं। रियल एस्टेट समेत कई अन्य क्षेत्रों में सक्रिय कुंभाणी पूर्व में सूरत के पार्षद रह चुके हैं। 2021 के सूरत नगर निगम चुनावों में कुंभाणी को आम आदमी पार्टी के कैंडिडेट के सामने हार का सामना करना पड़ा था। इसके बाद 2022 गुजरात विधानसभा चुनावों में कांग्रेस पार्टी ने कुंभाणी को सूरत की कामरेज सीट से विधानसभा का कैंडिडेट बनाया था। इस चुनावा में कुंभाणी बीजेपी और आप प्रत्याशी राम धडुक के बाद तीसरे नंबर पर रहे थे। तब कुंभाणी को 26 हजार वोट हासिल हुए थे।

कांग्रेस के साथ किसने किया खेल?
सूरत में बीजेपी की निर्विरोध जीत और कुंभाणी के लापता होने के बाद सवाल खड़ा हो रहा है कि कांग्रेस के साथ यह खेल किसने किया? लोकसभा चुनाव के कांग्रेस से टिकट मिलने के बाद कुंभाणी ने जोरशोर चुनाव प्रचार शुरू किया था। सूरत शहर में सूरत का साथी (सूरत नो सारथी) की होर्डिंग्स लगवाई थी। कुंभाणी ने नामांकन में कुल तीन सेट दाखिल किए थे। उनके तीनों सेट में एक-एक प्रस्तावक की दस्तखत गलत होने की शिकायत बीजेपी प्रत्याशी मुकेश दलाल के चुनाव एजेंट दिनेश जोधानी की तरफ से की गई। इसके बाद पूरे मामले में बड़ा टि्वस्ट आया। सूरत में कांग्रे की कमान धनसुख राजपूत के हाथों में है।

पहले प्रस्तावक फिर कुंभाणी गायब
नामांकन रद्द करने की शिकायत पर जिला निर्वाचन अधिकारी ने प्रस्तावकों को लाने का निर्देश दिए। ऐसे वक्त पर पहले जिन प्रस्तावकों की दस्तखत पर सवाल खड़े किए गए थे। वे गायब हुए बाद में पर्चा खारिज होने के बाद कुंभाणी गायब हो गए। सूरत कांग्रेस के नेताओं का कहना है कि वे कलेक्टर ऑफिस से अहमदाबाद जाने की बात कहकर निकले थे। इसके बाद से कुंभाणी का फोन स्विच ऑफ और नॉट रीचेबल है। उनके सरथाणा स्थित घर पर ताला लगा हुआ है। ऐसे में कांग्रेस नेता खोजबीन तो कर रहे हैं लेकिन अभी तक कुंभाणी का पता नहीं चल पाया है।

नीलेश कुम्भाणी बीजेपी में होंगे शामिल? पार्टी नेता ने किया ये दावा

कांग्रेस ने मंगलवार को दावा किया कि सूरत लोकसभा सीट से उसके उम्मीदवार नीलेश कुम्भाणी संपर्क में नहीं हैं। नामांकन पत्र में ‘विसंगतियों’ के कारण कुम्भाणी की उम्मीदवारी खारिज कर दी गई थी। अटकले हैं कि वह जल्द ही सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होंगे। कांग्रेस की सूरत इकाई के कार्यकारी अध्यक्ष दिनेश सावलिया के नेतृत्व में स्थानीय कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने पुना गाम इलाके में कुम्भाणी के बंद घर के बाहर विरोध प्रदर्शन किया, उन्हें गद्दार कहा और उन पर भाजपा की मदद करने का आरोप लगाया।

कांग्रेस नेता ने कहा संपर्क में नहीं है कुम्भाणी
कांग्रेस नेता असलम साइकिलवाला ने कहा, “कुम्भाणी 21 अप्रैल की दोपहर तक मेरे संपर्क में थे। उसके बाद, उन्होंने अपना फोन बंद कर लिया और अब संपर्क में नहीं हैं। आज जब हमारे नेता उनके घर गये तो पता चला कि वह ताला लगाकर अपने पूरे परिवार के साथ किसी अज्ञात स्थान पर चले गये हैं।

बीजेपी की मदद करने का लगाया आरोप

नामांकन खारिज होने के बाद उन्होंने मीडिया से भी बात नहीं की। साइकिलवाला ने कहा, “इससे साबित होता है कि वह (भाजपा की मदद करने के लिए) अपने ही नामांकन को अमान्य किये जाने की योजना का हिस्सा थे। अगर वह पीड़ित होते तो उन्होंने मीडिया से बात की होती। इसके बजाय, वह रविवार को कलेक्टर कार्यालय के पीछे से भाग गए। वह किसी भी कांग्रेस नेता के संपर्क में नहीं हैं। ऐसी अटकलें हैं कि वह जल्द ही भाजपा में शामिल होंगे।

बीजेपी उम्मीदवार की निर्विरोध जीत

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) समेत अन्य सभी उम्मीदवारों के नामांकन वापस लेने के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के मुकेश दलाल को सोमवार को सूरत से निर्विरोध निर्वाचित घोषित किया गया। गुजरात की सभी 26 सीटों पर 7 मई को एक ही चरण में मतदान होगा। आम चुनाव के नतीजे 4 जून को घोषित किए जाएंगे।

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