छत्तीसगढ़ के किसान क्या नहीं बो सकेंगे धान? आदेश वायरल, कांग्रेस ने सरकार को घेरा
रायपुर। छत्तीसगढ़ में अब धान खरीदी को लेकर हंगामा हो रहा है. एक ऑडियो तेजी से वायरल हो रहा है जिसमें किसानों को धान की फसल से रोकने की मुनादी करने की बात कही जा रही है. इतना ही नहीं 3 जिलों के कलेक्टरों का आदेश भी सोशल मीडिया पर वायरल है. इसमें कहा गया है कि किसान रबी सीजन में धान बुवाई न करें. हालांकि ऑडियो और आदेश को लेकर किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं है. अब इस पूरे मामले को लेकर कांग्रेस ने सरकार पर जमकर निशाना साधा है.
पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष धनेंद्र साहू ने कहा कि BJP सरकार धान की खेती को प्रभावित कर रही है.
किसान गांजा या अफीम की खेती नहीं कर रहे हैं. राज्य सरकार किसानों को धान की खेती करने से न रोके. उन्होंने दावा किया कि कई जिलों के कलेक्टर गांवों में कोटवारों से मुनादी करा रहे हैं.
धान की खेती पर बवाल क्यों?
दरअसल, छत्तीसगढ़ एक कृषि प्रधान राज्य है और धान का कटोरा कहलाता है. पिछले कुछ सालों में राज्य का वाटरल लेवल नीचे चला गया है. धान की खेती के लिए काफी पानी की जरूरत होती है. ऐसे में कई इलाकों में पानी की कमी के चलते धान की फसल खराब भी हो जाती है, जिसके कारण किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ता है. इधर, गेहूं, मक्का और दलहन की फसलों में पानी की जरूरत थोड़ी कम पड़ती है.
14 नवंबर से शुरू हुई है धान खरीदी
छत्तीसगढ़ में 14 नवंबर से धान खरीदी शुरू हो गई है. विष्णु देव साय सरकार 27 लाख से अधिक किसानों से धान की खरीद समर्थन मूल्य पर करेगी. किसानों की सुविधा के लिए सरकार ने 2739 उपार्जन केंद्रों बनाए हैं, जिनके जरिए धान की खरीदी की जाएगी. इतना ही नहीं मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने ऐलान किया कि उनकी सरकार किसानों को भुगतान भी 72 घंटे के अंदर करेगी.
पिछले साल की तुलना में इस साल 1 लाख 35 हजार नए किसानों ने रजिस्ट्रेशन कराया है. धान खरीदी केंद्र में किसानों की मदद के लिए बायोमेट्रिक डिवाइस लगाई गई है. इसमें सभी छोटे और बड़े किसान समर्थन मूल्य पर धान बेच सकेंगे. मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने बालोद जिले के नए धान उपार्जन केन्द्र भाठागांव में धान खरीदी की शुरुआत की थी.