World Earth Day : रायपुर की धन्य हुई धरा , 32 साल में हवा सबसे ज्यादा स्वच्छ, खारुन हुई निर्मल
रायपुर । छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर(raipur) में बीते तीन दशक लगभग 32 सालों में पहली बार लॉकडाउन के चलते शहर की हवा स्वच्छ और खारुन नदी का पानी इतना निर्मल हुआ है। इधर कल कारखाने बंद होने से खारुन नदी में प्रदूषण की मात्रा में गिरावट आई है, लेकिन इसकी तलहटी में रासायनिक तत्व मौजूद हैं। बस इतना फर्क पड़ा है कि अभी खारुन नदी में केमिकलयुक्त पानी जाने पर अंकुश लगा है। छत्तीसगढ़ के रीजनल पर्यावरण अधिकारी इसके उपाध्याय के मुताबिक़ लॉकडाउन के दौरान प्रदूषण में लगातार गिरावट हुई। देखा जाए तो बीते तीन दशक में इतनी शुद्ध आबोहवा कभी नहीं रही।
जानकारी के मुताबिक़ लॉकडाउन के दौरान सड़कों पर वाहनों की संख्या में काफी गिरावट आई है। इसके चलते इसमें एयर क्वॉलिटी का स्तर 69 एक्यू वन से 67 तक पहुंच गया है। पर्यावरण विभाग के अनुसार एयर क्वालिटी इंडेक्स सामान्य दिनों में 148 एक्यू वन होता है, दीपावली के मौके पर 170 तक पहुंच जाता है।
आंकड़ों के मुताबिक़ अभी वाहन सिर्फ पांच फीसद चल रहे हैं, यानी इसमें 95 फीसद की गिरावट आई है। जिले के 900 छोटे-बड़े कारखाने बंद हैं। इससे भी प्रदूषण के स्तर में गिरावट आई है। पर्यावरण विभाग के मुताबिक हवा में पीएम-10 की स्थिति 32.06 पीएम, 2.5 की मात्रा 18.02 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर रही। इसमें नाइट्रोजन आक्साइड-2 की मात्रा 8.06 और सल्फर ऑक्साइड की मात्रा 9.9 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर थी। ऐसे में ये रिकार्डतोड़ गिरावट है।
पर्यावरण विभाग के अनुसार हवा में पीएम-10 की मात्रा 100 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर, नाइट्रोजन ऑक्साइड की मात्रा 80 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर और सल्फर ऑक्साइड की मात्रा 80 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर होनी चाहिए। इससे अधिक होने पर स्वास्थ्य पर खतरनाक असर पड़ता है।
शहर के फाफाडीह, जय स्तंभ चौक, घड़ी चौक, शास्त्री बाजार, उरला, भनपुरी, देवेंद्र नगर, शंकर नगर, पुरानी बस्ती, सुंदर नगर, मोवा, पचपेड़ी नाका, राजेंद्र नगर, शैलेंद्र नगर, मोतीबाग, बैरनबाजार, कालीबाड़ी, सदर बाजार, पंडरी बाजार शहर के स्वच्छ होने वाले प्रमुख इलाके हैं। अलबत्ता राजधानी के इंडस्ट्रियल एरिया में शहर के मुकाबले कम स्वच्छता हैं। उसके बाद भी यह अभूतपूर्व परिवर्तन हैं।