कोरोना वायरस इफेक्ट : शुद्ध वातावरण के लिए ‘होलिका’ की अग्नि में कपूर, लौंग, इलायची की आहुति
रायपुर। विश्वभर में फैले कोरोना वायरस का भय राजधानी के विभिन्न मोहल्लों में होलिका दहन के दौरान दिखाई दिया। बड़े स्तर पर होने वाले सभी होलिका दहन स्थल पर विधिवत पूजा के पश्चात जब अग्नि प्रज्ज्वलित होने लगी तब इलाके के लोगों ने अपने-अपने घर से कपूर, लौंग, इलायची, घी, गुड़, चावल, काला तिल आदि अग्नि में अर्पित किया। राजधानी के भनपुरी स्थित बिमल इन्क्लेव में भी कालोनी वासियों ने पुरे विधिविधान से होलिका दहन किया।
इसी तरह बजरंग नगर, विवेकानंद आश्रम तिराहा, राठौर चौक में होलिका दहन कर रहे लोगों ने बताया कि एक दिन पहले पंडित-पुजारियों ने आह्वान किया था कि अग्नि में हवन सामग्री के साथ कपूर, लौंग आदि अर्पित करें। इससे वातावरण शुद्ध होता है और विषैले कीटाणुओं का खात्मा होता है। चूंकि इन दिनों घर-घर में कोरोना वायरस को लेकर हर कोई चिंतित हैं इसलिए होलिका दहन में पहली बार हर इलाके में हवन सामग्री अर्पित करने में लोगों ने रुचि ली।
दोपहर को एक बजे भद्रा काल समाप्त होने के बाद शाम को यायिजय योग में होलिका दहन स्थल पर महिलाओं ने विधिविधान से होलिका और प्रहलाद की पूजा-अर्चना की। कच्चा सूत लपेटते हुए परिक्रमा की। कंडे की माला, गुड़, हल्दी, बताशा, नारियल, गेंहू की बालियां, शक्कर की माला अर्पण कर परिवार की सुख-समृद्धि की कामना की।
राजधानी के 70 वार्डों में एक हजार से अधिक जगहों पर होलिका दहन किया गया। कई इलाकों में कंडों की चिता सजाकर होलिका की गोद में प्रहलाद को विराजित किया गया। भगवान नृसिंह, भक्त प्रहलाद और बुआ होलिका की पूजा करके जैसे ही अग्नि प्रज्ज्वलित की गई। वैसे ही जयकारे लगाते हुए भक्तों ने होलिका की गोद में विराजित की गई प्रहलाद की प्रतिमा को बाहर निकाला। इसके बाद पूजन और हवन सामग्री अर्पित करने का सिलसिला चलता रहा।
पुरानी बस्ती स्थित महामाया मंदिर में प्रज्वलित अखंड ज्योति से अग्नि लेकर परिसर में ही होलिका दहन की परंपरा निभाई गई। यहां होलिका प्रज्ज्वलित होने के बाद होलिका की अग्नि आसपास के मोहल्लों अमीनपारा, शीतला मंदिर चौक, लोहार चौक, लिली चौक ले जाकर वहां होलिका दहन किया गया। होलिका दहन का सिलसिला चलता रहा।