रायपुर। छत्तीसगढ़ में लॉकडाउन के चलते विभिन्न राज्यों के जो प्रवासी मज़दूर फंसे हैं, उन्हें अस्थायी शिविरों में किसी भी तरह की कोई तकलीफ न हो इसका पूरा ख्याल रखा जा रहा है। छत्तीसगढ़ सरकार निर्धारित दिशा निर्देशों के मुताबिक़ उन्हें पूर्ण सुविधा उपलब्ध भी करा रही हैं।

सूबे में इस मामले पर चौबीसों घंटे नज़र रख रहे छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा नियुक्त नोडल अधिकारी और श्रम विभाग के सचिव सोनमणि बोरा ने प्रदेश के सभी कलेक्टरों के लिए इस बाबत एक पत्र जारी किया है। इसमें कलेक्टरों को निर्देशित किया गया हैं कि वे प्रवासी मजदूरों के लिए सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार, अस्थाई शिविर में रहने, स्वच्छ खाने और पानी की पूरी व्यवस्था करें।

प्रवासी मजदूरों के लिए बनाए गए अस्थाई शिविरों में रहने, खाने और पीने के पानी के अलावा दवाई, हाथ धोने की व्य़वस्था, टॉयलेट, और पर्याप्त साफ-सफाई के साथ महिलाओं और बच्चों के लिए विशेष व्यवस्था करने को कहा गया है।  इसकी निगरानी के लिए प्रशासनिक अधिकारियों की नियुक्ति के अलावा पुलिस और स्वयं सेवकों की व्यवस्था करने को कहा गया है। 
 
बहरहाल राज्य के ज्यादातर अस्थाई शिविरों में रुके प्रवासी मज़दूर सरकार की व्यवस्थाओं से संतुष्ट बताये जा रहे हैं। 

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