राम वनगमन पथ से छत्तीसगढ़ की बनेगी देश भर में खास पहचान
रायपुर। सुप्रीम कोर्ट से राम मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त होने के बाद अब छत्तीसगढ़ में राम वनगमन पर्यटन परिपथ के निर्माण के लिए फंड मिलने से छत्तीसगढ़ की देश भर में खास पहचान बनेगी। भगवान श्रीराम की माता कौशल्या मंदिर के साथ ही बस्तर वन गमन का विकास होगा। इससे प्रदेश के पर्यटन का तेजी से विकास होगा। साहित्यकार एवं पुरातत्ववेत्ता डॉ. हेमू यदु का कहना है कि बजट में प्रावधान होने से श्रीराम वन गमन पथ पर पड़ने वाले महत्वपूर्ण स्थलों को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने में मदद मिलेगी। इनमें सीतामढ़ी हरचौका, रामगढ़, शिवरीनारायण, तुरतुरिया, चंदखुरी, राजिम, सिहावा के सप्तऋषि आश्रम, जगदलपुर और सुकमा जिले के रामाराम आदि इलाके, जो अभी गुमनामी में हैं, वे विश्व भर में प्रसिद्ध हो जाएंगे।
ऐसी मान्यता है कि प्रभु श्रीराम ने अपने वनवास काल के 14 वर्षों में से लगभग 10 वर्ष से अधिक समय छत्तीसगढ़ में व्यतीत किया था। शोध प्रकाशनों के अनुसार प्रभु श्रीराम ने छत्तीसगढ़ में वनगमन के दौरान लगभग 75 स्थलों का भ्रमण किया था। इनमें से 51 स्थल ऐसे हैं, जहां प्रभु राम ने भ्रमण के दौरान रुककर कुछ समय व्यतीत किया था।
राम वनगमन स्थल पर फिलहाल किसी भी तरह की सुविधा नहीं है। वहां अब पर्यटक सुविधा केंद्र, वैदिक विलेज, पगोड़ा, वेटिंग शेड, पेयजल, शौचालय, ठहरने की सुविधा, रेस्टोरेंट, कॉटेज सुविधा के साथ विद्युतीकरण कार्य होगा।
राम वन पथ गमन में आठ जिलों का तेजी से विकास होगा। इनमें कोरिया जिले के सीतामढ़ी-हरचौका, सीतामढ़ी-घाघरा, कोटाडोल, सीतामढ़ी-छतौड़ा (सिद्ध बाबा आश्रम) देवसील, रामगढ़ (सोनहट), अमृतधारा, सरगुजा जिले के देवगढ़, जशपुर जिले के किलकिला (बिलद्वार गुफा), सारासोर, सरगुजा जिले के सीताबेंगरा (रामगढ़ पहाड़ी), महेशपुर, बंदरकोट (अंबिकापुर से दरिमा मार्ग), मैनपाट, मंगरेलगढ़, पम्पापुर, जशपुर जिले के रकसगण्डा, जांजगीर-चांपा जिले के चंद्रपुर, शिवरीनारायण, खरौद, जाजंगीर, बिलासपुर जिले के मल्हार, बलौदाबाजार-भाटापारा जिले के धमनी, पलारी, नारायणपुर (कसडोल), तुरतुरिया, महासमुंद जिले के सिरपुर, रायपुर जिले के आरंग, चंद्रखुरी, गरियाबंद जिले के फिंगेश्वर, रायपुर जिले के चम्पारण्य, गरियाबंद जिले के राजिम (लोमष ऋषि, कुलेश्वर, पटेश्वर, चम्पकेश्वर, कोपेश्वर, बम्हनेश्वर एवं फणिकेश्वर), धमतरी जिले के मधुबन धाम (राकाडीह), अतरमरा (ग्राम अतरपुर), सिहावा (सप्त ऋषि आश्रम), सीतानदी, कांकेर जिले के कांकेर (कंक ऋषि आश्रम), कोण्डागांव जिले के गढ़धनोरा (केशकाल), जटायुशिला (फरसगांव), नारायणपुर जिले के नारायणपुर (रक्सा डोंगरी), छोटे डोंगर, दंतेवाड़ा जिले के बारसूर, बस्तर जिले के चित्रकोट, नारायणपाल, जगदलपुर, दंतेवाड़ा जिले के गीदम, दंतेवाड़ा, बस्तर जिले के तीरथगढ़, सुकमा जिले के तीरथगढ़, रामाराम, इंजरम और कोंटा शामिल हैं।