रायपुर: पुलिस-प्रशासन की कड़ाई का शहर में दिखा असर, सड़कों में पसरा सन्नाटा
रायपुर। देशव्यापी कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए छत्तीसगढ़ में 21 दिनों का लॉकडाउन घोषित हुआ था। इसके बाद से अतिआवश्यक सेवाओं को छोड़कर अन्य सेवाओं को पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। इसके बाद भी शनिवार को कलेक्टर और एसएसपी ने बढ़ती भीड़ को देखते हुए राजधानी में फ्लैग मार्च निकाला। फ्लैग मार्च निकालने के साथ ही 48 घंटे के लिए कर्फ्यू की तरह वाली स्थिति का ऐलान किया गया। इसके बाद से ही शहर में सन्नाटा देखने को मिला। आज सड़कें अन्य दिनों की अपेक्षा सुनी सुनी नज़र आ रही हैं।
कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए देश में 25 मार्च से 14 अप्रैल तक 21 दिनों का लॉकडाउन घोषित है। आज लॉकडाउन का 12वां दिन है। लॉकडाउन के दौरान राजधानी में अतिआवश्यक सेवाओं को छोड़कर अन्य सेवाओं को पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। अभी तक राजधानी में अतिआवश्यक सेवाओं के साथ ही सब्जी मार्केट और किराना दुकान भी पूरी तरह से खुली हुई थी। लेकिन शनिवार को 48 घंटे के कर्फ्यू का ऐलान होते ही सब्जी मार्केट, किराना दुकान जैसी अन्य सेवाओं को भी पूरी तरह से बंद रखा गया है, जिससे शहर में लोगों की भीड़ कम हो सके। इसका असर भी राजधानी में देखने को मिल रहा हैं।
स्थानीय लोगों का मानना है कि कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए सरकार द्वारा जो कदम उठाए गए हैं, उसका पालन सभी लोग कर रहे हैं। 48 घंटे के कर्फ्यू के ऐलान होने से सड़कों के साथ ही चौक चौराहों पर सन्नाटा पसरा हुआ है। सड़क पर वही वाहन चालक नजर आ रहे हैं, जिन्हें जरूरी काम है। शहर के हर चौक चौराहों पर पुलिस आने जाने वाले वाहन चालकों से पूछताछ कर ही उन्हें जाने दे रही है। 48 घंटे बाद यदि फिर से पहले वाली स्थिति नज़र आएगी तो प्रशासन इस पर कड़ाई बरतते हुए कर्फ्यू जैसे वाली स्थिति को आगे भी बढ़ा सकती हैं।