रायपुर में टेक्नोलॉजी से लैस हाइजिनिक और हाईटेक पानीपुरी वाला
रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में कोरोना वायरस के कहर के बीच पानीपुरी की एक ऐसी दुकान चर्चे में हैं,जहाँ सबकुछ हाइजीनिक और ऑटोमेटिक होता हैं। चौकिये नहीं यह सौ प्रतिशत सत्य हैं। सेल्फ सर्विस वाले इस दूकान में हर काम तकनिकी तरीके से दुकान संचालक ने कर रखा हैं। पूर्णरूप से टेक्नोलॉजी लैस दुकान सबको अपनी तरफ खींच रही है। लोग यहाँ पहुंचकर पानीपुरी का आनंद भी ले रहे हैं। गुपचुप की छोटी सी दुकान चलाने वाले मिथलेश पढ़ाई भी करते हैं, पानीपूरी भी खिलाते हैं और साथ ही टेक्नोलॉजी में भी उनका बहुत मन लगता है। वे एम.ए की पढ़ाई भी कर रहे हैं और एक निजी स्कूल में एकाउंटेंट का काम भी करते हैं।
राजधानी रायपुर के सड्डू में स्थित है यह साहू पानीपुरी सेंटर, यहांं हर चीज टेक्नोलॉजी से चलती है। यानी यहां सारी चीजें मशीनीकृत हैं। गुपचुप में पानी डालने के लिए मिथलेश ने एक ऐसा सेंसर बनाया है, जिसमें ड्रम में लगे नल के नीचे गुपचुप रखते ही पानी खुद-ब-खुद भर जाता है। ज्यादातर पानीपुरी की दुकानों में दुकानदार पानी रखे बर्तन में हाथ डालकर ही गुपचुप खिलाते हैं, वहीं साहू पानीपुरी हाइजिनिक होने की वजह से लोगों को आकर्षित करती है।
आपको ये जानकर हैरानी होगी कि मिथलेश ने पीने का पानी रखने वाले कंटेनर में भी सेंसर लगाया है, ताकि पानी की ज्यादा बर्बादी न हो। जब ग्राहक पानी पीने के लिए ग्लास रखते हैं तो सेंसर इसे पहचान जाता है और कंटेनर से पानी आने लगता है। इसके साथ ही जब ग्लास हटा लिया जाता है, तब पानी आना खुद ही बंद हो जाता है।
सबसे खास बात तो यह है कि यहां डस्टबिन में भी सेंसर लगाया गया है। डस्टबिन के पास जैसे ही कोई कचरा फेंकने के लिए हाथ आगे बढ़ाता है, तो डस्टबिन का ढक्कन ऑटोमैटिक खुल जाता है। इसके साथ ही ढक्कन बंद होने पर डस्टबिन में लगे सेंसर से आवाज आती है, जिसमें छत्तीसगढ़ी में वह धन्यवाद कहता है।
मिथलेश साहू ने जनरपट को बताया कि इन सारी चीजों को उन्होंने अपनी सुविधा के लिए बनाया है। उन्होंने बताया कि अपनी दुकान को युनिक बनाने उन्हें ये आइडिया आया और सेंसर का इस्तमाल पर ये सभी डिवाइस बना लिया।
मिथलेश ने बताया कि वे अभी सेंसर स्विच बोर्ड बनाने का काम कर रहे हैं, जिसे मोबाइल के जरिये घर की लाइट और पंखों को ऑपरेट कर सकें। मिथलेश अपनी दुकान में गुपचुप के अलावा मोमोज, मूंग बड़ा, भेल, चाट भी बेचते हैं। दुकान में आने वाले ग्राहक बताते हैं कि यहां की सभी चीजें स्वादिष्ट हैं और खास बात ये की यह हाइजिनिक तरीके गुपचुप खिलाया जाता है इसलिए यहां लोगों की भीड़ लगी होती है।
इस वक्त विश्वभर में लोग कोरोना वायरस से डर रहे हैं। इसी डर की वजह लोग पानीपुरी भी खाने नहीं जा रहे हैं। लेकिन अगर कोई मिथिलेश की तरह साफ-सुथरी जगह और स्वच्छता के साथ परोसे तो किसी का भी मन ललचा जाएगा। मिथिलेश के आइडिया और दिमाग को जनरपट का भी ऑल द बेस्ट। उम्मीद कर सकते हैं की इस रिपोर्ट को पढ़ने के बाद और भी शहर में इस तरह की तकनीक का विस्तार किया जाएगा।