सरगुजा में बेमौसम बारिश से फसल बर्बाद, तबाही देखकर रो पड़े किसान
अंबिकापुर। छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले में हुई बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि ने किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया है। शनिवार रात को हुई जबरदस्त बारिश ने रही सही कसर भी पूरी कर दी। रबी सीजन की फसल चना,अलसी, गेहूं और साग सब्जियों को चौपट कर दिया है । रविवार की सुबह जब किसान खेतों की ओर निकले तो तबाही का मंजर देख रो पड़े। अंबिकापुर मुख्यालय से लगे जगदीशपुर ,खैरबार इलाके में लगी फसल में अभी भी घुटने तक पानी भरा हुआ है। रबी की फसल में कई ऐसी फसलें है जिसमें सिंचाई की जरूरत नहीं पड़ती है। जिनमें अलसी व चना प्रमुख रूप से शामिल है। बेमौसम बारिश का पानी अलसी व चने के खेतों में लबालब भरा हुआ है। इसी से अनुमान लगाया जा सकता है कि अलसी की फसल को किस कदर नुकसान पहुंचा है।
सरगुजा में हुई इस तबाही के बावजूद जिला प्रशासन और कृषि विभाग के अधिकारी हरकत में नहीं आए हैं। जिले के कलेक्टर ने अब तक न तो कृषि विभाग व राजस्व की बैठक बुलाई है और न ही कृषि विभाग ने ही कोई गंभीरता दिखाई है ।
मैदानी क्षेत्र में पदस्थ कृषि विभाग के कर्मचारी जरूर किसानों के साथ खड़े हैं लेकिन अधिकारियों के इस गैरजिम्मेदाराना रवैये ने किसानों को और मुश्किलों में डाल दिया है। जिले का कोई अधिकारी किसानों के इस हालत को देखने नहीं पहुंच रहा।
जगदीशपुर में तो गेहूं , अलसी ,चने की फसल में 12 घंटे बाद भी पानी भरा हुआ है ।साग सब्जियों के उत्पादन के लिए मशहूर जगदीशपुर,सरईटिकरा,खैरबार,सरगंवा,डिगमा इलाके में स्थिति बेहद चिंताजनक है। जगदीशपुर के किसानों ने तो अपने गांव में भिंडी की खेती कर पहचान दिलाई है ।गर्मी वाली भिंडी की बोवाई भी कर चुके थे पर तेज बारिश और ओलावृष्टि ने सबकुछ खत्म कर दिया है । खेतों में उतरे किसान तबाही के इस मंजर को देख आंसू बहा रहे हैं।
प्रदेश के पंचायत एवं ग्रामीण विकास, स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने किसानों की सूचना पर जिला पंचायत के उपाध्यक्ष राकेश गुप्ता को प्रभावित फसलों का जायजा लेकर जानकारी से अवगत कराने कहा है। जिला पंचायत उपाध्यक्ष ने क्षेत्र का दौरा भी किया और कुछ गांव की हालत व फोटोग्राफ्स भी पंचायत मंत्री को भेजा है। पर अब तक शासन प्रशासन की ओर से कोई आदेश निर्देश किसानों के हित को लेकर नहीं आया है।
बेमौसम बारिश से जहां छोटे किसान पूरी तरह बर्बाद हो गए हैं,वहीं बड़े किसान जो अत्याधुनिक तकनीक अपनाकर महंगी खेती कर रहे हैं उन्हें तो लाखों का नुकसान हुआ है ।शहर के आसपास के इलाकों में खैरबार, सरगवा, डिगमा जैसे क्षेत्र में करेला, खीरा, खरबूज, तरबूज की खेती ड्रिप इरिगेशन पद्धति से मलचिंग सीट लगाकर खेती करने वाले किसान इस बार बर्बाद हो गए ।
पखवाड़े भर के भीतर इन किसानों ने मल्चिंग सीट लगा करेला, खरबूज ,तरबूज लगाया था। 5 एकड़ से 20 एकड़ तक रकबे में की जाने वाली नई पद्धति की खेती को भी भारी बारिश ने बर्बाद कर दिया है । पौधे छोटे होने के कारण तेज बारिश में गल गए हैं।