तुर्की के हमले में मारे गए कम से कम 50 पाकिस्तानी लड़ाके
अरब न्यूज़ के मुताबिक, इस लड़ाई में 50 से ज़्यादा पाकिस्तानी लड़ाके मारे गए हैं. हालांकि पाकिस्तान की तरफ से किसी सरकारी सूत्र ने इन मौतों की पुष्टि नहीं की है. कहा जा रहा है कि मारे गए पाकिस्तानी लड़ाके लीवा ज़ैनबियून संगठन के थे. इस संगठन में पाकिस्तान के सारे शिया समर्थक हैं। कहा जा रहा है कि इस संगठन को ईरान के रेवूल्युशनरी गार्ड ने खड़ा किया है और यहीं से इन्हें ट्रेनिंग भी मिलती है. इस संगठन का मकसद है ईरान और सीरिया में शिया समुदाय की रक्षा करना। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस वक्त सीरिया में करीब 800 पाकिस्तानी लड़ाके जंग के मैदान में है।
ता दें कि साल 2015 से सीरिया के इदलिब शहर पर कई संगठनों का कब्ज़ा है, जिसमें अल कायदा और हयात तहरीर अल-शामिल है. संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के मुताबिक इदलिब में इन दो संगठनों के करीब 12-15 हज़ार लड़ाके हैं. इसके अलावा इस्लामिक स्टेट के भी सैकड़ों आतंकी सरकार के खिलाफ जंग कर रहे हैं. इदलिब में संघर्ष के बाद लाखों लोग अपने घरों को छोड़ चुके हैं. इस दौरान तुर्की के कई सैनिक भी मारे गए हैं।
इस बीच अमेरिका ने सीरिया में संघर्षविराम को लेकर रूस और तुर्की के बीच हुए समझौते का समर्थन करने वाले संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के बयान को स्वीकार करने से इनकार कर दिया है. राजनयिकों ने बंद कमरे में हुई बैठक के बाद यह जानकारी दी। राजनयिकों के अनुसार संयुक्त राष्ट्र में रूस के राजदूत वैसिली नेबेन्जिया ने सुरक्षा परिषद के 14 अन्य सदस्य देशों से संयुक्त बयान का समर्थन करने का आग्रह किया था, जिसे अमेरिका ने ‘असामयिक’ करार देते हुए शुक्रवार को इसे खारिज कर दिया।